भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लगातार 5वीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद तीन बैंकों ने कर्ज महंगा कर दिया है. इनमें एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) शामिल हैं. हाल ही में रेपो दर में 35 आधार अंकों (bps) की बढ़ोतरी का निर्णय बड़े पैमाने पर उद्योग के लिए एक आश्चर्य के रूप में नहीं आया है.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रेपो दर को संशोधित करने के आरबीआई के कदम का बैंकों की उधार दरों पर प्रभाव पड़ना तय था. चूंकि बैंकों की उधार दरों में बढ़ोतरी से ईएमआई महंगी हो जाएगी, इसलिए अधिकांश बैंकों ने संशोधित दरों को अपनी वेबसाइटों पर भी प्रदर्शित करना शुरू कर दिया है.
7 दिसंबर से है प्रभावी
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के स्वामित्व वाले बैंक ऑफ इंडिया की उधार दर, संशोधन के बाद अब आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट की गई है. इसने रिपोर्ट के अनुसार पोस्ट किया कि 7 दिसंबर से प्रभावी रेपो आधारित उधार दर (RBLR) संशोधित रेपो दर (6.25 प्रतिशत) के अनुसार 9.10 प्रतिशत है. एचडीएफसी बैंक ने कर्ज की सीमांत लागत आधारित दर (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी बढ़ोतरी की है. नई दर 7 दिसंबर, 2022 से लागू हो गई है.
संशोधन के मुताबिक, बैंक की न्यूनतम एमसीएलआर 8.20 फीसदी से बढ़कर अब 8.30 फीसदी हो गई है. ग्राहकों को एक साल की अवधि के कर्ज पर अब 8.60 फीसदी, दो साल की अवधि के लिए लोन लेने पर 8.70 फीसदी और तीन साल का लोन लेने पर 8.80 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा. इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक और करूर वैश्य बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं.
वहीं बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया है. संशोधित दर सभी अवधि के कर्ज के लिए है, जो 7 दिसंबर से लागू है. इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपना कर्ज 0.15 फीसदी से 0.35 फीसदी तक महंगा कर दिया है. नई दर 10 दिसंबर, 2022 से लागू होगी. ब्याज दरों में बढ़ोतरी अलग-अलग अवधि के कर्ज के लिए की गई है.
अन्य बैंक भी बढ़ा सकते हैं रेट
चूंकि बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक ने अपनी संशोधित दरें पोस्ट की हैं. जल्द ही अन्य बैंक भी इसका पालन कर सकते हैं. एक अन्य प्रमुख ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने पहले ही 1 दिसंबर से अपने एमसीएलआर को संशोधित कर दिया है. इस संशोधन के साथ, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक साल की बेंचमार्क दर को 50 बीपीएस बढ़ाकर 7.90 प्रतिशत से 8.40 प्रतिशत कर दिया गया था.