भारत के GDP में कृषि सेक्टर का योगदान 17% है. आज भी भारत की आधी से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है. उनका मुख्य व्यवसाय कृषि है. लेकिन आज भी भारत के किसान गरीब हैं. ऐसा नहीं है कि सरकार अपनी तरफ से कोशिश नहीं कर रही. लेकिन धरातल पर अभी भी कई खामियां हैं. जैसे- किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत न मिलना, लोन लेने में परेशानियों का सामना करना, इसके अलावा कई बार किसानों को मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है. इन समस्याओं के अलावा, भारत में जो सबसे बड़ी कृषि की समस्या है वह है-छोटी कृषि भूमि. इसके कारण किसान टेक्नोलॉजी का पूरा उपयोग नहीं कर पाते और न ही बिजनेस से जुड़ पाते हैं. जिसके कारण इन्हें अपने उत्पादन का सही कीमत नहीं मिल पाती है.
ऐसे में 'DeHaat' कंपनी किसानों को एक प्लेटफॉर्म देती है. यह किसानों और कंपनियों को जोड़ने का काम करती है. 'DeHaat' खुद को फार्मर रिपरजेन्टिव मानता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप सीड्स कंपनी हैं और आपके पास अच्छे बीज हैं. तो एक-एक किसानों के पास जाने के बदले आप 'DeHaat' के पास जा सकते हैं. अगर चिप्स की कंपनी को कोई स्पेसिफिक आलू चाहिए तो आप 'DeHaat' कंपनी के पास जा सकते हैं, यह कंपनी आपको किसान से जोड़ने का काम करती है. एक तरह से कह सकते हैं कि 'DeHaat' बिजनेस टू फार्मर प्लेटफॉर्म है. जहां बिना किसी मिडिल मैन के ही कंपनी और किसान डायरेक्ट जुड़ते हैं. शशांक कुमार 'DeHaat' कंपनी के संस्थापक हैं.
कौन हैं शशांक कुमार
'DeHaat' कंपनी की शुरुआत बिहार के छपरा के रहने वाले शशांक कुमार ने की है. उन्होंने इसे अपने दोस्तों के साथ मिलकर शुरू किया. शशांक के पिता बिहार नेशनल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी करते थे और माता टीचर थी. शशांक ने 2008 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. आईआईटी-दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद शशांक ने मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म बीकन एडवाइजरी सर्विसेज में अपना करियर शुरू किया. उसके बाद जॉब छोड़कर उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया.
बिजनेस शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी
शशांक को 'DeHaat' कंपनी शुरू करने का आइडिया 2010 में आया था. उस समय देश में नए-नए स्टार्टअप शुरू हो रहे थे. तब शशांक को लगा कि ये भी एक करियर ऑप्शन हो सकता है. किसान तक को उन्होंने बताया कि जॉब तो वो कर ही रहे हैं लेकिन क्यों न ऐसा ही एक बिजनेस शुरू किया जाए, जिसमें 1000 से लाखों तक को सशक्त किया जा सकता है. जब 'DeHaat' का कांसेप्ट उनके दिमाग में आया तो ज्यादा पता नहीं था. सिर्फ इतना पता था कि GDP में 17% हिस्सेदारी के बावजूद इस सेक्टर में बहुत ज्यादा कमियां हैं. इन्हीं कमियों को देखकर शशांक को इसमें मौका दिखी. उसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 2011 में ग्राउंड जीरों से काम स्टार्ट किया. धीरे-धीरे उनकी सोच 'बिजनेस मॉडल' बन गई. शशांक के नजर में 'DeHaat' एक सोच है.
देहात (DeHaat) क्या है?
DeHaat एग्री-टेक सेक्टर में सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप में से एक है. यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. यह छोटे किसानों और छोटे कंपनियों को जोड़ता है. यह किसानों को बीज, खाद, टेक्नोलॉजी के साथ-साथ फसलों से जुड़ी सलाह भी देता है. इससे किसानों और कंपनी दोनों को प्लेटफॉर्म मिल जाता है. DeHaat देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी सेवा दे रहा है, इससे किसानों को भी अपने प्रोडक्ट के अच्छे दाम मिल जाते हैं.
कितनी है DeHaat की इनकम?
वर्तमान में DeHaat भारत के 12 राज्यों में काम कर रहा है, जो 1.8 मिलियन से अधिक किसानों को अपना सर्विस दे रहा है. शशांक के अनुसार इस फाइनेंशियल ईयर में उनकी कंपनी 4000 करोड़ का बिजनेस करने जा रही है. तो वहीं, पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी का 2700 करोड़ का बिजनेस हुआ था.
DeHaat स्टार्टअप की सफलता का राज
शशांक खुद ग्रामीण क्षेत्र से हैं जिसके कारण वह किसान की समस्याओं को जानते और समझते हैं. स्टार्टअप शुरू करने से पहले शशांक और उनके दोस्त सुबह से शाम खेतों पर जाकर किसानों के साथ समय बिताते थे. इससे उन्हें ये जानने-समझने का मौका मिला कि किसानों को क्या-क्या समस्या आती हैं. उसके लिए वो क्या कर सकते हैं. यही कारण है कि आज उनकी कंपनी न जाने कितने स्टार्टअप की प्रेरणा बन चुकी है.