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Arya.ag Success Story: कॉफी पी रहे 3 दोस्तों को आया आइडिया, किसानों की मदद के लिए शुरू किया स्टार्टअप, आज एग्रीकल्चर फील्ड का भरोसेमंद नाम है ये स्टार्टअप

Agritech Startups: साल 2013 में बैंक में काम करने वाले तीन दोस्तों ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की. इस कंपनी का मकसद किसानों को खेती में मदद करना है. किसानों के अनाज को रखने के लिए देशभर में कंपनी के गोदाम हैं. कंपनी 11000 से ज्यादा गोदामों से जुड़ी है. कंपनी किसानों को 3 लेवल पर मदद करती है. ये किसानों के लिए वेयरहाउसिंग, ट्रेड और फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध कराती है.

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किसान अगर अपनी फसल नहीं बेचना चाहता है और उसे कुछ देर के लिए स्टोर करना चाहता है तो उसके सामने पैदावार को रखने की बड़ी समस्या आती है. किसानों की इस समस्या के समाधान के लिए एक शख्स ने कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ दी. उसने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया, जिसकी मदद से किसानों की पैदावार रखने की समस्या से छुटकारा मिल सके. उस शख्स का नाम आनंद चंद्रा है. आनंद ने Arya.ag नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की. इस कंपनी के वेयरहाउस देशभर में हैं. यह स्टार्टअप किसानों को खेती से संबंधित हर तरह की मदद करता है. चलिए आपको बताते हैं कि कंपनी के को-फाउंडर आनंद चंद्रा ने कैसे इस स्टार्टअप की शुरुआत की और ये कैसे किसानों के लिए मददगार है.

क्या है आनंद चंद्रा का स्टार्टअप-
नोएडा बेस्ड कंपनी Arya.ag का मकसद किसानों की हर संभव मदद करना है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो किसानों की खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान करती है. इस स्टार्टअप का मकसद सिर्फ फसल को बेचना ही नहीं है, बल्कि खेती के हर फेज में किसानों की मदद करना है. इसमें बीज से जुड़ी जानकारी, फसल के स्टोरेज, मौसम का पुर्वानुमान, बाजार में फसल के सही दाम लगाना तक शामिल है. इस कंपनी ने किसानों के लिए अनाज भंडारण और बिक्री के तरीके को आसान बनाया है.

क्या करती है कंपनी-
इस कंपनी के देशभर में 11 हजार से ज्याादा अनाज के गोदाम हैं. ये कंपनी किसानों को अनाज रखने के लिए गोदाम मुहैया कराती है. इसके साथ ही खरीदार को अच्छी क्वालिटी का अनाज मुहैया कराती है. यह कंपनी गोदाम के साथ फाइनेंस सपोर्ट, लोन जैसी सुविधाएं भी देती है. यह कंपनी किसानों की जिंदगी में बदलाव लाने की कोशिश में जुटी है.

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कैसे शुरू हुई थी कंपनी-
आईसीआईसीआई बैंक में काम करने वाले तीन दोस्त प्रसन्ना राव, आनंद चंद्रा और चट्टनथन देवराजन ने इसकी शुरुआत की थी. एक बार तीनों दोस्त कॉफी पी रहे थे, तभी उनके दिमाग में ख्याल आया कि कोई बिजनेस शुरू करना चाहिए. इसके बाद तीनों ने मिलकर साल 2013 में स्टार्टअप की शुरुआत की. उनका मानना है कि ये कंपनी छोटे किसानों की मदद के लिए बनाई गई है. इसके गोदामों में हर तरह के अनाज स्टोर किए जाते हैं. Kisan Tak से बातचीत में को-फाउंडर आनंद चंद्रा का कहना है कि कंपनी का मकसद किसानों के लिए 3 लेवल पर सुविधा मुहैया करना है. इसमें वेयरहाउसिंग, ट्रेड और फाइनेंस शामिल है.

कैसे काम करती है ये कंपनी-
ये कंपनी किसानों को कई तरह की सुविधाएं देती है. हर स्टेज पर उनकी मदद करना चाहती है. कंपनी किसानों को 3 लेवल पर मदद करती है. चलिए आपको उनको बताते हैं.

स्टोरेज की सुविधा-
किसानों के लिए अनाज को स्टोर करने की बड़ी समस्या है. इस कंपनी ने इस समस्या पर काम किया और देशभर में वेयरहाउस की सुविधा लेकर आई. इस कंपनी के पास देशभर में 11 हजार वेयरहाउस हैं. जिसमें से 3000 वेयरहाउस कंपनी के हैं. जबकि बाकी प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं. 
गोदाम में अनाज सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था है. गोदाम में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा स्मार्ट शटर सिस्टम लगे हैं. हर 15 दिन में गोदाम की ऑडिट होती है. इसमें नियमित तौर पर दवा का छिड़काव होता है. गोदाम खुले और हवादार हैं.

ट्रेड की सुविधा-
इस कंपनी ने ट्रेड की भी सुविधा दी है. किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिले, इसके लिए यह कंपनी उनको बाजार से जोड़ता है. यह कृषि उत्पाादों को स्टोर करता है और जब मार्केट में उसकी कीमत बढ़ती है तो उसे बेचने की सुविधा देता है. इतना ही नहीं, ये किसानों को अनाज के बाजार भाव की जानकारी भी देता है. जिससे किसान अपनी फसल को सही समय पर और सही दाम पर बेच सकते हैं.

फाइनेंस की सुविधा-
ये कंपनी किसानों को लोन की सुविधा भी मुहैया कराती है. खेती के लिए संसाधनों की जरूरत होती है. जिसके लिए कई बार किसानों को लोन की आवश्यकता पड़ती है. यह कंपनी किसानों को इसकी सुविधा देती है. ये किसानों को विभिन्न फाइनेंसिंग विकल्प बताता है और लोन के प्रोसेस में भी मदद करता है.

क्या कंपनी का Aryashakti का ऐप-
Arya.ag कंपनी का मोबाइल ऐप भी है. इसे Aryashakti नाम दिया गया है. इससे किसान फसलों की जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके साथ ही इसमें अपनी फसल की जानकारी दर्ज कर सकेंगे. किसान मौसम का सही अंदाजा लगाकर खेती की योजना बना सकते हैं.
 
कंपनी का नेटवर्क-
कंपनी का नेटवर्क फिलहाल भारत के 60 फीसदी जिलों में फैला हुआ है. इसके पास 11,000 से ज्यादा वेयर हाउस मौजूद हैं. ये कंपनी हर साल करीब 3 बिलियन डॉलर का अनाज जमा करती है और किसानों को 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का लोन भी देती है. इसके साथ ही ये कंपनी किसानों को समय पर फाइनेंशियल सपोर्ट भी देती है, ताकि उन्हें फसल बेचने के लिए जल्दीबाजी ना करनी पड़े.

कंपनी अपना दायरा बढ़ा रही है. कंपनी ने अफ्रीकी देश केन्या में पैर पसार रही है. कंपनी ने उस देश की एक एग्रीकल्चरल कंपनी फेयरग्रो अफ्रीका लिमिटेड से डील साइन की है. यह केन्या में फसलों की मॉनिटरिंग करेगी. इससे लिए कंपनी आर्याशक्ति ऐप की मदद लेगा.

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