अक्सर ही लोग Fixed Deposit से ज्यादा रिटर्न पाने के लिए शेयर बाजार में अपने पैसे लगाते हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें शेयर बाजार की काफी कम जानकारी है. ऐसे लोग म्यूचुअल फंड के फ्लेक्सी-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं. इस फंड ने कोरोना काल में बेहतरीन रिटर्न दिया है. तो चलिए आज हम आपको इस फंड के बारे में बताते हैं.
क्या है फ्लेक्सी कैप फंड?
अगर आप पैसे निवेश करते समय बिलकुल भी जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो फ्लेक्सी कैप फंड आपके लिए एक बेहतरीन ऑपशन है. जैसा कि इसके 'फ्लेक्सी' नाम से ही पता चलता है कि इसमें निवेश करने के लिए आपको काफी फ्लेक्सीबिलिटी यानी लचीलापन मिलता है. इसमें फंड मैनेजर अपने हिसाब से निवेश करने वाले का पैसा स्मॉल, मिड या लार्ज कैप में निवेश कर सकता है. इसमें फंड मैनेजर बाध्य नहीं होता कि उसे किस फंड कैटेगरी में कितना निवेश करना है.
लंबे समय के लिए निवेश करना हो तो ये विकल्प सही
एक्सपर्टस की मानें तो इस स्कीम को कम से कम 5 साल के टाइम पीरियड को ध्यान में रख कर बनाया गया है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो ये ऑपशन आपके लिए बिलकुल सही है. कम टाइम पीरियड में अच्छे रिटर्न की संभावना कम रहती है लेकिन अगर आप अपना पैसा लंबे टाइम पीरियड के लिए लगा रहे हैं तो इसमें आपको काफी अच्छा रिटर्न मिल सकता है.
SIP के जरिए करें निवेश
इसके लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने के बजाए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए पैसा लगाना सही रहता है.
जानें कितना लगेगा टैक्स?
1 साल से कम समय में निवेश करने पर इक्विटी फंड्स से कमाई पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. मौजूदा नियमों के अनुसार ये कमाई पर 15 प्रतिशत तक लगाया जा सकता है. वहीं अगर आपका निवेश 1 साल से ज्यादा के लिए है तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगेगा और इस पर 10 प्रतिशत ब्याज देना होगा.
जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें
फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन है. फ्लेक्सी कैप फंड के फंड मैनेजर अपनी लंबी अवधि की ग्रोथ कैपेसिटी के आधार पर सभी आकारों की कंपनियों में निवेश करते हैं. इन फंड्स को जोखिम संतुलित करने और अच्छा रिटर्न देने के लिए जाना जाता है. मैनेजर समय-समय पर पोर्टफोलियो अलॉटमेंट में बदलाव करते रहते हैं.