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एक लाख से ज्यादा महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल बनवा रही है Apple Company, चीन और वियतनाम में सफल रहा है यह मॉडल

iPhone के लिए फेमस कंपनी, Apple कंपनी अपने वेंडर्स के साथ उनकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में काम करने वाली एक लाख महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल यूनिट्स तैयार करा रही हैं ताकि महिला कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण मिल सके.

Apple building mega housing facilities for women employees Apple building mega housing facilities for women employees

दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों में से एक एप्पल कंपनी भारत में अपनी फैक्ट्रीज में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए हॉस्टल बनवा रही है. यह हॉस्टल एक लाख महिला कर्मियों के लिए बनाया जा रहा है. एप्पल कंपनी यह हॉस्टल अपने वेंडर्स के साथ मिलकर बना रही है जिनमें फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन (दोनों तमिलनाडु में) और टाटा इलोक्ट्रॉनिक्स (कर्नाटक में) शामिल हैं. 

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में बन रही है यह रेजिडेंशियल फैसिविटी इस फाइनेंशियल साल तक बनकर तैयार हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट को हकीकत बनाने के लिए एप्पल और वेंडर कंपनियां राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की फर्म्स के साथ मिलकर काम कर रही हैं. 

भारत में होगी सबसे बड़ी हॉस्टल फैसिलिटी 
बताया जा रहा है कि भारत के अब तक के इंडस्ट्रियल इतिहास में यह किसी भी कंपनी या फैक्ट्रीज द्वारा लीज की गई या बनाई गई सबसे बड़ी हॉस्टल फैसिलिटी होगी. एप्पल भारत में सबसे ज्यादा ब्लू कॉलर जॉब क्रिएट करने वाला इकोसिस्टम है. यह दो लाख कर्मचारियों (वर्तमान में 1.75 लाख हैं) को इस फाइनेंशियल साल तक हायर करेगी. और इस पूरी वर्कफोर्स में 18 से 24 साल की उम्र के बीच की लगभग 70% लड़कियों को जॉब मिलेगी. फिलहाल, आईफोन की तीन प्रोडक्शन यूनिट्स में 80 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. 

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एप्पल के प्रमुख वेंडर्स में से एक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 40,000 यूनिट्स सेटअप कर रही है जो तमिलनाडु में होसूर के पास होंगी. कंपनी की पहली फैक्ट्री में पहले ही 15,000 वर्कर काम कर रहे हैं. टाटा जल्द ही दूसरी फैक्ट्री भी लॉन्च करने जा रही है और आने वाले समय में और 40,000 वर्कर्स को हायर किया जाएगा. 

एप्पल की दूसरी वेंडर कंपनी, सैलकॉम्प है जो पावर एडैप्टर्स और मैग्नेटिक्स बनाती है. सैलकॉम्प के कर्मचारियों को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में बन रहे हॉस्टल में 4000 यूनिट्स मिलेंगी. वहीं, भारत में एप्पल का सबसे बड़ा वेंडर फॉक्सकॉन चेन्नई में 18,720 यूनिट्स का हॉस्टल बना रहा है और इस हॉस्टल का काम पूरा होने वाला है. श्रीपेरुंबुदूर में इसकी एक और 18,112 यूनिट्स की फैसिलिटी बन रही है. फॉक्सकॉन में 41000 कर्मचारी काम करते हैं जिनमें से 35000 महिलाएं हैं. 

चीन और वियतनाम में भी हैं ऐसे हॉस्टल 
आपको बता दें कि चीन और वियतनाम में भी एप्पल कंपनी के इसी तरह के हॉस्टल हैं और उन्हीं की तर्ज पर भारत में काम किया जा रहा है. चीन में बने 'द शेन्ज़ेन कॉम्पलेक्स' को 'फॉक्सकॉन सिटी' भी कहा जाता है और यहां 420,000 कर्मचारी रहते हैं. वहीं, झेंग्झोऊ में बनी 'आईफोन सिटी' में 300,000 कर्मचारी रहते हैं. एप्पल की वेंडर कंपनियों में इतने ज्यादा कर्मचारी होने की सबसे बड़ी वजह है कि आईफोन को असेंबल करने का ज्यादातर काम मैन्यूअली होता है. यानी कर्मचारी खुद आईफोन को असेंबल करते हैं, यह काम ऑटोमैटिकली मशीनों से नहीं होता है. 

कर्मचारियों की एफिशिएंसी पर पड़ता है फर्क 
एप्पल और उसकी वेंडर कंपनियों द्वारा इस तरह की हॉस्टल फैसिलिटीज देने के पीछे का कारण काफी ज्यादा दिलचस्प है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हॉस्टल महिलाओं के लिए काफी ज्यादा सेफ और सिक्योर होते हैं. कंपनी में काम करने वाली ज्यादातर महिला कर्मचारी दूसरे शहरों या राज्यों से होती हैं और ऐसे में, उनके लिए रहना-खाना और सुरक्षा बहुत बड़ी टेंशन होती है. लेकिन एप्पल की वेंडर कंपनियां महिला कर्मचारियों को सेफ और सिक्योर हॉस्टल देकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं. और इससे कर्मचारियों के काम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि उनके दिमाग नें रहने को लेकर परेशानी नहीं होती है. चीन और वियतनाम में इस पहल की सफलता को देखने के बाद भारत में भी यह मॉडल फॉलो किया जा रहा है.