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Wonder kid of Pharma: 16 साल की उम्र में शुरू की थी कंपनी, पांच साल बाद हुई 500 करोड़ की, 90% कम कीमत पर बेचते हैं दवाइयां

Generic Aadhaa: अपने पहले कुछ साल में, जेनेरिक आधार ने शहरों में तेजी से विस्तार किया और अर्जुन को अपनी पहली टेड टॉक देने का मौका मिला. ये काफी वायरल हो गई और इसी तरह रतन टाटा का ध्यान आकर्षित हुआ. कंपनी के इनोवेटिव मॉडल से प्रभावित होकर रतन टाटा ने वेंचर में निवेश करने की पेशकश की.

Wonder kid of Pharma Wonder kid of Pharma
हाइलाइट्स
  • 500 करोड़ की है कंपनी 

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कर चुकी हैं तारीफ 

देश का एक बड़ा तबका ऐसा है जो महंगी दवाइयां नहीं खरीद सकता है. लेकिन इसी का विकल्प तलाशने के लिए  साल 2018 में, जब अर्जुन देशपांडे सिर्फ 16 साल के थे, तब उन्होंने एक ऐसी कंपनी की स्थापना की, जो सस्ती दवाइयां देती है. अब 21 साल की उम्र में, अर्जुन जेनेरिक आधार के सीईओ हैं. ये एक तरह का स्टार्टअप है जो फ्रैंचाइजी की अपनी चेन से 80% -90% डिस्काउंट पर जेनेरिक दवाएं बेचता है. 

500 करोड़ की है कंपनी 

मुंबई स्थित स्टार्टअप अब 500 करोड़ रुपये का है. इतना ही नहीं अर्जुन देशपांडे के इस स्टार्टअप को रतन टाटा भी सपोर्ट करते हैं. जेनेरिक आधार ने दवाइयों को सस्ती करने के लिए मार्केटर, डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट जैसे बिचौलियों को हटा दिया है. उदाहरण के लिए, डायबिटीज की दवा ग्लिमेपाइराइड, जो आम तौर पर 110 रुपये प्रति स्ट्रिप बिकती है, सीएनबीसीटीवी18 के अनुसार जेनेरिक आधार के माध्यम से 5 रुपये तक खरीद सकते हैं. जबकि एंटी-एलर्जन लेवोसेटिरिजिन, जो आमतौर पर 55 रुपये में उपलब्ध है, 6 रुपये प्रति स्ट्रिप के तहत उपलब्ध है. 

रतन टाटा का मिला सपोर्ट 

अपने पहले कुछ साल में, जेनेरिक आधार ने शहरों में तेजी से विस्तार किया और अर्जुन को अपनी पहली टेड टॉक देने का मौका मिला. ये काफी वायरल हो गई और इसी तरह रतन टाटा का ध्यान आकर्षित हुआ. कंपनी के इनोवेटिव मॉडल से प्रभावित होकर रतन टाटा ने वेंचर में निवेश करने की पेशकश की. तब से, रतन टाटा ने जेनेरिक आधार को देश के अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद की है. अब, स्टार्टअप के देश भर में 2,000 स्टोर हैं, जिसमें लगभग 10,000 कर्मचारी हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कर चुकी हैं तारीफ 

मनीकंट्रोल के अनुसार, अप्रैल में अर्जुन देशपांडे की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नागरिकों को सस्ती दवा बनाने के उनके समर्पण के लिए सराहना की थी. उन्होंने अर्जुन को "वंडर किड ऑफ फार्मा" भी कहा. वर्तमान में, जेनेरिक आधार कंपनी बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और म्यांमार में विस्तार पर काम कर रही है. अर्जुन के मुताबिक, वे जल्द ही दुबई, ओमान, कंबोडिया और वियतनाम में भी अपने स्टोर खोलने वाले हैं.

यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर से सम्मानित हो चुके 

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, CEO देशपांडे को IIT मुंबई, IIT दिल्ली, CPhI, MSM, DPU, ब्लैकबुक जर्मनी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंचों पर आमंत्रित किया गया है. स्टार्टअप का दावा है कि मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट, सप्लाई चेन, आदि जैसी मिडिल चेन की सभी लागतों को कम करके निर्माताओं से सीधे अंतिम ग्राहकों को बड़ी छूट पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं प्रदान की जारी है. इतना ही नहीं अर्जुन को 2020 में यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था.