आर्मी कैंटीन में अब स्वदेशी सामान ही मिलेगा. लोकल बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) आउटलेट में बाहर से आने वाले सामान पर बैन लगा दिया है. ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये निर्णय लिया गया है.
CSD आउटलेट को आमतौर पर आर्मी कैंटीन के रूप में जाना जाता है. आर्मी कैंटीन से सैनिक, पूर्व सैनिकों और उनके परिवार रियायती दर पर सामान ले सकते हैं. इन कैंटीन में रोजमर्रा के सामान से लेकर बड़े डिवाइस भी मिलते हैं.
हालांकि, पहली बार सामान पर ये बैन अक्टूबर 2020 में लगाया गया था. रक्षा मंत्रालय ने CSD आउटलेट में 431 इम्पोर्टेड सामान की सेल को रोकने का एक निर्णय लिया था. यह कार्रवाई आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने वाली रणनीति का हिस्सा थी. इसका लक्ष्य विदेशी सामान पर निर्भरता कम करना और लोकल सामान को बढ़ावा देना था.
लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बैन का मैन्युफैक्चरर सेक्टर पर अच्छा प्रभाव पड़ा है. इम्पोर्टेड सामान को हटाने के साथ, कई कंपनियों ने CSD आउटलेट की मांग को पूरा करने के लिए अपना प्रोडक्शन भारत में ट्रांसफर कर दिया है. अब इसी के चलते CSD कैटलॉग में बैन हुई चीजों में 255 को फिर से शामिल किया गया है.
CSD कैटलॉग में कार, दोपहिया वाहन, शराब, घर का जरूरी सामान, खाने की चीजें, टॉयलेटरीज़, घड़ियां, जूते, स्टेशनरी और बहुत कुछ जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं.
किन चीजों पर लगा है बैन?
अब जिन चीजों पर बैन किया गया है उनमें टेलीविजन सेट, रेफ्रिजरेटर, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, स्पोर्ट्स शूज, धूप के चश्मे और टेबल पंखे जैसे लोकप्रिय प्रोडक्ट शामिल हैं.
सैनिकों के लिए रहने की स्थिति और सुविधाओं में सुधार
सरकार सेना अपने सैनिकों के लिए रहने की स्थिति और सुविधाओं में सुधार करने पर भी ध्यान दे रहा है. इसमें हाई क्वालिटी वाला राशन, अच्छी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और दूसरे रेसौर्सेस शामिल हैं.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सैनिकों को दिए जाने वाला राशन अच्छा हो इसके लिए सेना ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के साथ साझेदारी की है.