Bank Strike:साल के दूसरे महीने यानी फरवरी में (Bank Holidays) बैंक कर्मचारी 23 और 24 फरवरी को एक बार फिर हड़ताल करने वाले हैं. बैंक कर्मचारी सरकार की श्रमिक और जन विरोधी नीतियों को बैंक हड़ताल की वजह बता रहे हैं. हड़ताल का ऐलान सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स (CTU) और कई संगठनों ने मिलकर किया है. इस हड़ताल में देश भर के सभी बैंकों के कर्मचारी शामिल होंगे. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) की केन्द्रीय कमेटी ने इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है.
संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने सभी संबंध बैंक संघों और सदस्यों को एक परिपत्र जारी कर इसकी जानकारी दी. महासचिव सीएच वेंकटचलम ने इस हड़ताल में सभी संबंध बैंक संघों और सदस्यों को शामिल होने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है.उन्होंने कहा कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में पिछले साल 15 और 16 मार्च को हड़हाल की थी. 16 और 17 दिसंबर 2021 को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में हड़ताल की गई थी.
एसोसिएशन के मुताबिक यह सिर्फ लोगों के जीवन और जीवनयापन को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि यह अर्थव्यवस्था को बचाने के की लड़ाई है.
इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर सरकार की योजना के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल की थी. तब बैंक हड़ताल का असर SBI, PNB, सेंट्रल बैंक और RBL बैंक के कामकाज पर पड़ा था. चेक क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर, डेबिट कार्ड से जुड़े काम भी अटक गए थे.