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Global Job Site Indeed: कॉल सेंटर, डिलीवरी एक्जीक्यूटिव और कुकिंग की फील्ड में कर रहे हैं जॉब सर्च तो इन 3 शहरों में आपकी तलाश होगी पूरी

बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई उन टॉप शहरों में शामिल हैं जो कॉल सेंटर, डिलीवरी एक्जीक्यूटिव और कुकिंग जॉब के लिए जबरदस्त हायरिंग कर रहे हैं. ग्लोबल जॉब साइट इनडीड की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.

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हाइलाइट्स
  • कुकिंग जॉब में मुंबई टॉप पर

  • ब्लू कॉलर जॉब्स की हाई डिमांड

अगर आप भी कॉल सेंटर, डिलीवरी एक्जीक्यूटिव और कुकिंग जॉब की तलाश में हैं तो देश के तीन शहर बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई आपकी तलाश पूरी कर सकते हैं. यहां आप अपनी मनचाही जॉब पा सकेंगे.

बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई उन टॉप शहरों में शामिल हैं जो कॉल सेंटर, डिलीवरी एक्जीक्यूटिव और कुकिंग जॉब के लिए जबरदस्त हायरिंग कर रहे हैं. ग्लोबल जॉब साइट इनडीड की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. ये रिपोर्ट मई 2020 से मई 2023 तक इनडीड प्लेटफॉर्म के डेटा पर आधारित है. इन जॉब रोल्स के लिए पोस्टिंग करने वाले भारतीय शहरों में मुंबई कॉल सेंटर नौकरियों (12 प्रतिशत) के  साथ सबसे आगे है. यानी मुंबई में कॉल सेंटर की जॉब सबसे ज्यादा है. इसके बाद बेंगलुरु (11.86 प्रतिशत) और चेन्नई (8 प्रतिशत) हैं.

कुकिंग जॉब में मुंबई टॉप पर

13 प्रतिशत के साथ मुंबई कुकिंग जॉब के लिए भी टॉप पर है. बेंगलुरु (7.47 प्रतिशत) और चेन्नई (7 प्रतिशत) के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है. वहीं डिलीवरी एग्जीक्यूटिव जॉब्स के मामले में चेन्नई 12 प्रतिशत के साथ टॉप पर है. इसके बाद बेंगलुरु 8 प्रतिशत और मुंबई 5 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे नंबर पर है. पिछले कुछ समय में कई रेस्तरां और क्लाउड किचन की वजह से food delivery industry ने काफी ग्रो किया है. और इस वजह से कुक और शेफ की हाई डिमांड है. इसके अलावा जॉब के सिलसिले में मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई शिफ्ट होने वाले लोगों के पास भी कुक की हाई डिमांड है.

ब्लू कॉलर जॉब्स की हाई डिमांड

कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव जॉब्स की भी हाई डिमांड है क्योंकि कंपनियों को ऑनलाइन ऑर्डर से संबंधित ग्राहकों के सवाल-जवाब और कस्टरमर सपोर्ट के लिए कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव की जरूरत होती है. इन शहरों में हायरिंग ट्रैंड जॉब के बदलते dynamic को दर्शाती है, इन शहरों में ब्लू-कॉलर जॉब्स की हाई डिमांड है. ब्लू कॉलर जॉब्स होती हैं जिनमें शारीरिक श्रम करना पड़ता है. इस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने काम की परफॉर्मेंस के आधार पर प्रति घंटा या फिर दैनिक मजदूरी मिलती है.