भविष्य की चिंता हर किसी को होती है. अपने फ्यूचर को ध्यान में रखकर ही ज्यादातर लोग नौकरी और बचत करते हैं. हर महीने सैलरी आने तक तो जीवन की गाड़ी आराम से चलती रहती है, पर दिक्कत आती है टैक्स सेविंग के समय. ऐसे में सरकारी हो या प्राइवेट कर्मचारी, महिला हो या पुरुष, सभी को सैलरी पैकेज के साथ-साथ टैक्स सेविंग पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है. ऐसे में कमाई के साथ ही बचत को भी अच्छे से प्लान किया जाए ताकि बाद में किसी तरह की कोई समस्या ना हो. ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कई स्कीम हैं जहां टैक्स बचाने के साथ कमाई की जा सकती है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ पॉपुलर स्कीम के बारे में.
इन टैक्स सेविंग स्कीम के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बचत का ज्यादातर फायदा तभी मिलता है जब उसे वित्तीय वर्ष की शुरुआत या बजट के ठीक बाद शुरू कर दें. आम लोगों की मदद के लिए सरकार कई तरह की टैक्स सेविंग स्कीम चलाती है जिनमें पैसे जमा कर टैक्स बचा सकते हैं और फायदा उठा सकते हैं. ये स्कीम अच्छा रिटर्न भी देती हैं. इन स्कीम में ELSS, NPS और NSC शामिल हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम
भारत सरकार की ओर से चलाई जाने नेशनल पेंशन स्कीम में कोई भी नौकरीपेशा व्यक्ति लंबे समय के लिए निवेश कर सकता है. इस स्कीम में सरकारी से लेकर प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारी निवेश कर सकते हैं. इसके बाद रिटायरमेंट के वक्त आपको एक साथ बड़ा फंड मिलेगा. इसके साथ ही हर महीने आपको कुछ पेंशन राशि भी सरकार देगी. NPS में कोई भी केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकार का कर्मचारी, प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी और आम नागरिक निवेश कर सकता है. कोई भी भारतीय जिसकी उम्र 18-65 साल है, वह एनपीएस में निवेश कर सकता है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट
NSC एक फिक्स्ड इनकम टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्लान है जिसे किसी भी पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है. यह एक सरकारी स्कीम है. एनएससी में सालाना 6.8 परसेंट ब्याज मिलता है. इस स्कीम में दो तरह के सर्टिफिकेट 5 साल और 10 साल के लिए दिए जाते हैं. NSC में सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये जमा पूंजी पर टैक्स बचा सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
इनकम टैक्स बचाने के लिए PPF सबसे अच्छी सरकारी स्कीम है. आप पीपीएफ अकाउंट में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक इंवेस्ट कर सकते हैं. फिलहाल सरकार पीपीएफ पर 7.10 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज दे रही है. पीपीएफ की न्यूनतम अवधि 15 साल होती है और अकाउंट खोलने के लिए कम से कम 500 रुपये जमा करने होते हैं. पीपीएफ अकाउंट को पोस्ट ऑफिस या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में शुरू कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड या इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड का पैसा इक्विटी फंड में निवेश किया जाता है. इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत निवेशकों को इस म्यूचुअल फंड में निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. इसमें 1.5 लाख रुपये की पूंजी पर टैक्स कटौती का फायदा उठा सकते हैं. ELSS में इंवेस्टमेंट और टैक्स सेविंग दोनों का फायदा मिलता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
टैक्स बचाने के लिए FD में निवेश करना एक शानदार विकल्प है. अगर आप टैक्स बचाने के लिए एफडी कर रहे हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें कि इसके लिए 5 साल का लॉक इन पीरियड निर्धारित है. टैक्स सेविंग के लिए की जाने वाली एफडी की रकम को मैच्योरिटी यानी 5 साल से पहले नहीं निकाला जा सकता है. एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर में हमेशा बदलाव होता रहता है.