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Home Alive Decor Business: बेकार कपड़ों से प्लांटर्स और पॉट्स बना रहा है यह MBA ग्रेजुएट, अपने स्टार्टअप से दे रहे लोगों को रोजगार

Home Alive Decor Business: बिहार में एक युवा ने वेस्ट फ्रैबिक से प्लांटर्स और फ्लॉवर पॉट बनाने का बिजनेस शुरू किया है. इस बिजनेस से वह महिलाओं को भी रोजगार दे रहे हैं.

Pots, planters made from waste fabric Pots, planters made from waste fabric
हाइलाइट्स
  • घर से शुरू किया बिजनेस 

  • कैसे आया यह आइडिया

बिहार के आरा में एक युवक ने एक अनोखा स्टार्टअप शुरू किया है जो हर एक युवा के लिए प्रेरणा बना हुआ है. यह कहानी है सौरभ कुमार की जो बैकार कपड़ों का इस्तेमाल करके हैंडक्राफ्टेड पॉट्स बना रहे हैं जिनमें पौधे, फूल आदि लगाए जा सकते हैं. सौरभ के स्टार्टअप का नाम है- Home Alive (https://homealivedecor.com/)

सौरभ मे Amity University से Entrepreneurship में MBA किया है. अब उन्होंने खुद का होम डेकोर बिजनेस शुरू किया है. उनके  प्रोडक्ट्स की पूरे बिहार व देश के अन्य राज्यों में डिमांड बढ़ रही है. 

घर से शुरू किया बिजनेस 
आरा के जगदेव नगर मोहल्ले के रहने वाले सौरभ कुमार को इस काम में उनकी मां का साथ मिल रहा है. उन्होंने अपना काम घर से ही शुरू किया और घर के ऊपर ही वर्कशॉप बनाई है. कुछ काम सौरभ के पैतृक गांव में भी होता है. उनका पटना के बेली रोड में पिलर नम्बर 18 के पास एक अउटलेट है. साथ ही, अपनी ऑनलाइन वेबसाइट के साथ-साथ वह सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव हैं. 

कैसे बनाते हैं प्रोडक्ट्स 
सौरभ का रॉ मेटेरियल है फैब्रिक वेस्ट. जिसका मतलब है ऐसा कपड़ा जो अब आपके किसी इस्तेमाल में न आ रहा है और आप इसे फेंकना चाहते हों जैसे पुराना तौलिया, शर्ट, पैंट, कम्बल या बेडशीट आदि. इस वेस्ट फैब्रिक के साथ वह सफेज सीमेंट, माइनर कले, और वाटर प्रूफ पेंट जैसी कुछ सामग्री का इस्तेमाल करते हैं. उनके प्रोडक्ट्स 12 स्टेप में हाथ से तैयार किए जाते हैं. प्रोडक्ट तैयार होने के बाद इसपर हाथों से कलाकारी और पेंट करके सजाया जाता है. 

उसके बाद ये प्रोडक्ट मार्केट में जाने के लिए तैयार होते हैं. उनके प्रोडक्ट्स की कीमत 150 रुपए से 3 हजार रुपए तक है. सौरभ के उद्योग से करीब 30 से 40 लोगों को रोजगार मिल रहा है.

कैसे आया यह आइडिया
सौरभ ने बताया कि उन्हें हमेशा से अपना बिजनेस करना था.  इसलिए उन्होंने MBA की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद नौकरी करने की बजाय उन्होंने खुद का काम करने की ठानी और साथ ही, उनकी सोच रही कि उनका बिजनेस पर्यावरण के हित में हो न कि प्रदूषण फैलाए. बहुत एक्सपेरिमेंट करने के बाद उन्हें आइडिया आया कि फेब्रिक वेस्ट का प्रयोग कर प्रोडक्ट तैयार किया जा सकता है.

पहले एक साल उन्होंने घर मे ही एक्सपेरिमेंट किए और प्रोडक्ट तैयार कर रिश्तेदार और दोस्तों को गिफ्ट करते थे. उनका रेस्पॉन्स बहुत अच्छा आने लगा तो इसको धीरे-धीरे उद्योग में तब्दील करने लगे. उनके बिजनेस को अच्छी बढ़ोतरी मिल रही है. लोग उनके प्रोडक्ट्स को पसंद कर रहे हैं. हाल ही में, उन्हें बिहार सरकार के चयनित स्टार्टअप्स में शामिल किया गया और 10 लाख रुपए का लोन भी उन्हें सरकार की तरफ से दिया जाएगा. 

(सोनू सिंह की रिपोर्ट)