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25 साल की अवनी हुई Bloomberg की इस लिस्ट में शामिल, भारत में कोविड-19 टेस्टिंग को सस्ता और किफायती बनाने में दिया अपना योगदान

स्पाइसहेल्थ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अपनी तरह की पहली जीनोम सिक्वेंसिंग लैब खोली थी. इसक मकसद दूसरे देशों से यात्रा करके आने वाले लोगों की रैंडम कोविड-19 टेस्टिंग और वायरस के नए वेरिएंट की पहचान करना था.

Photo: Avani singh, Instagram Photo: Avani singh, Instagram
हाइलाइट्स
  • स्पाइसहेल्थ की सस्ती टेस्टिंग

  • स्पाइसहेल्थ ने खोली थी अपनी तरह की पहली जीनोम लैब

  • नवंबर 2020 में अवनी ने स्पाइसहेल्थ की स्थापना की

ब्लूमबर्ग बिजनेस वीक ने इसबार स्पाइसहेल्थ (SpiceHealth) की सीईओ, अवनी सिंह को 2021 की 'ब्लूमबर्ग वन्स टू वॉच' की लिस्ट में शामिल किया है. दरअसल, हर साल ब्लूमबर्ग एक लिस्ट निकालता है, जिसमें दुनिया भर से 50 लोगों को शामिल किया जाता है. ये वो लोग होते हैं जो बिजनेस, फाइनेंस,  राजनीति, मनोरंजन, साइंस और टेक्नोलॉजी में सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल होते हैं. इसके साथ इनके विचारों से बहुत से लोगों को प्रेरणा मिलती है.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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स्पाइसहेल्थ ने खोली थी अपनी तरह की पहली जीनोम लैब 

जनवरी में स्पाइसहेल्थ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अपनी तरह की पहली जीनोम सिक्वेंसिंग लैब खोली थी. इसक मकसद दूसरे देशों से यात्रा करके आने वाले लोगों की रैंडम कोविड-19  टेस्टिंग और वायरस के नए वेरिएंट की पहचान करना था. इसके साथ, स्पाइसहेल्थ ने राज्य सरकार के साथ एक एमओयू (MoU) भी साइन किया है. जिसके तहत हरिद्वार और उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर कुंभ मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों की टेस्टिंग के लिए मोबाइल लैब्स की स्थापना की थी. 

स्पाइसहेल्थ की सीईओ अवनी सिंह ने कहा, "मैं 'ब्लूमबर्ग की ग्लोबल 50 एंड वन्स टू वॉच' लिस्ट शामिल होने पर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. हमने स्पाइसहेल्थ की शुरुआत की है. इसके माध्यम से लोगों को हम सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देना चाहते है.”

ब्लूमबर्ग वन्स टू वॉच लिस्ट यहां देखें: bloomberg.com

स्पाइसहेल्थ की सस्ती टेस्टिंग 

आपको बता दें, अवनि सिर्फ 25 साल की हैं, जिन्होंने भारत में कोविड-19 टेस्टिंग को काफी किफायती बना दिया है. नवंबर 2020 में अवनि ने स्पाइसहेल्थ की स्थापना की थी. ये देश का सबसे युवा और सबसे तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर स्टार्ट-अप में से एक है. जहां देशभर में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग 2400 रुपये में हो रही थी, वहीं स्पाइसहेल्थ ने इसे 499 रुपये में मोबाइल लैब्स के माध्यम से करवाया. इसके साथ  जब कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, तब 24-48 घंटे की बजाय टेस्ट रिपोर्ट को कुल छह घंटे में उपलब्ध करवाया.

मोबाइल टेस्टिंग लैब्स को उन गांवों में रखा जा सकता था जहां अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच बेहद मुश्किल है. इसके लॉन्च के बाद से करीब 50 लाख आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए हैं.