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B.Tech wala panipuri: इंजीनियरिंग के बाद नहीं मिली नौकरी तो शुरू किया पानीपूरी का स्टॉल, आज हर महीने कमा रहे लाखों रुपए

MBA चायवाला, BBA मैगीवाला और Graduate चाय वाली के बाद अब मार्केट में एंट्री हुई है B.Tech पानीपूरी वाले की. इंजीनियरिंग के बाद नौकरी नहीं मिली तो विशाखापटनम के आर. रामाकृष्णन ने 'B.Tech wala panipuri' नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया है.

BTech wala Panipuri Stall (Photo: Instagram) BTech wala Panipuri Stall (Photo: Instagram)
हाइलाइट्स
  • 5 पानी वाले गोलगप्पे का स्टॉल चलाते हैं रामाकृष्णन

  • पुणे से मिला अलग-अलग पानी वाले गोलगप्पों का आइडिया

आज के जमाने में जहां बहुत से लोग बेरोजगारी के कारण हताश हैं, वहीं कुछ ऐसे युवा भी हैं जो खुद रोजगार के अवसर बना रहे हैं. आपने MBA चायवाला, ग्रेजुएट चाय वाली की कहानी तो सुन ली, अब हम आपको बता रहे हैं B.Tech वाला पानीपूरी के बारे में. जी हां, आंध्र प्रदेश में विशाखापटनम में आर. रामाकृष्णन, 'B.Tech वाला पानीपूरी' नाम से अपना गोलगप्पे का स्टॉल चला रहे हैं. 

साल 2021 में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग पास करने वाले रामाकृष्णन की कॉलेज से प्लेसमेंट हुई थी. लेकिन कोरोना के कारण उन्हें कंपनी से ऑफर लेटर नहीं आया. ऐसे में, उन्होंने निराश होने की बजाय अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर गोलगप्पे का स्टॉल शुरू किया और आज अपने बिजनेस से लाखों में कमा रहे हैं. 

पुणे से मिला आइडिया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामाकृष्णन और उनके भाई एक बार पुणे गए थे. वहां उन्होंने 5 पानी वाले गोलगप्पे खाए. दोनों भाईयों को यह आइडिया अच्छा लगा. क्योंकि उनके शहर में इस तरह के गोलगप्पे के स्टॉल नहीं थे. हालांकि, उस समय वह सेकंड ईयर में थे तो उन्होंने बिजनेस की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

लेकिन जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने इसी में हाथ आजमाने की सोची. उन्होंने सबसे पहले इस बारे में यूट्यूब और गूगल से सीखा और फिर अपना काम शुरू किया. उनका कहना है कि पहले उनका बिजनेस दिन में 800-900 रुपए तक का ही हो पाता था. लेकिन पिछले 5 महीनों में उनके बिजनेस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. 

कमा रहे हैं लाखों में 
रामाकृष्णन का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों की मांग के हिसाब से गोलगप्पे के साथ-साथ दूसरे आइटम भी बढ़ाए. आज उनके 5 स्टॉल हैं और वह हर दिन लगभग 15,000 रुपए का बिजनेस कर रहे हैं. कभी खुद नौकरी तलाश रहे रामाकृष्णन आज कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. उन्होंने कम से कम लागत के साथ अपना बिजनेस शुरू किया. 

उनका कहना है कि उन्हें जिस कंपनी में प्लेसमेंट मिली थी, वहां उन्हें 18,000 रुपए प्रतिमाह मिलते. लेकिन आज वह अपने स्टाफ को 25 से 30,000 रुपए तक की सैलरी देते हैं. इसलिए वह युवाओं को नौकरी के पीछे समय खराब करने की बजाय बिजनेस करने का आइडिया तलाशने के लिए कहते हैं. कभी गोलगप्पे बेचने के लिए उन्हें ताने देने वाले लोग आज उनसे फ्रेंचाइजी देने के लिए कहते हैं. 

रामाकृष्णन इस बात का उदहारण है कि इंसान अगर चाहे तो कैसे भी अपनी राह बना सकता है. जरूरत है तो खुद पर विश्वास करने की. रामाकृष्णन का हौसला किसी के तानों से नहीं टूटा और आज वह लाखों में कमाकर आगे बढ़ रहे हैं.