वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2023 पेश किया. सीतारमण के लिए ये काफी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि इससे मिडिल क्लास और साथ ही अन्य वर्गों को खुश रखना उनके लिए बड़ी जिम्मेदारी थी. वो भी ऐसे समय में जब भारत की अर्थव्यवस्था को कई वैश्विक कारकों, मुद्रास्फीति में तेजी से वृद्धि और वित्त वर्ष 24 में संभावित जीडीपी वृद्धि में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं इसकी कुछ बड़ी बातें.
- वित्त मंत्री ने किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए किफायती समाधान प्रदान करने सहित समग्र कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं कीं. उन्होंने इस क्षेत्र को "बदलने" के लिए एक कृषि त्वरक निधि की घोषणा की.पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम मछुआरों, मछली विक्रेताओं और एमएसएमएसई की गतिविधियों की सहायता के लिए 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ एक नई उप-योजना शुरू करेंगे."
- कोविड महामारी के दौरान, हमने यह सुनिश्चित किया कि 28 महीनों के लिए 80 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने की योजना के साथ कोई भी भूखा न सोए.पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है.
- हम 1 जनवरी 2023 से सभी अंतोदय और प्राथमिकता वाले परिवारों को अगले 1 वर्ष के लिए खाद्यान्न आपूर्ति करने की योजना लागू कर रहे हैं.महामारी के बावजूद वर्तमान वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7% रहने का अनुमान है. भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है.
- 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की है. प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है. पिछले 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दुनिया में 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ा है. दुनिया ने भारत को एक चमकीले सितारे के रूप में भी मान्यता दी है, वर्तमान वर्ष के लिए हमारी विकास दर 7.0% अनुमानित है, यह महामारी और युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी के बावजूद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है.
- सीतारमण ने कहा कि राज्यों के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा एक वर्ष तक के लिए बढ़ायी गई है. राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत मिशन मोड पर है. उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हे गई है. कमजोर आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मिशन शुरू किया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बजट आवंटन 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 79 हजार रुपये किया गया.
- बच्चों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे.
- कृषि क्षेत्र के लिए ओपन सोर्स पर आधारित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफार्म बनाए जाएंगे.
- अस्पतालों को बहु विशेषज्ञता से संबंधित उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा.
- प्राकृतिक खेती के लिए 10 हजार बायो इनपुट केंद्र स्थापित होंगे.
- गोवर्धन योजना के तहत 500 संयंत्रों की स्थापना होगी. बागवानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पौध सामग्री के लिए 2200 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है.
- परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए प्रधानमंत्री विश्व कर्म कुशल सम्मान योजना आरंभ होगी. इससे संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा और शोध किया जाएगा. इनको एमएसएमई क्षेत्र से जोड़ा जाएगा.
- 6000 करोड़ रुपये के निवेश से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत उप योजना आरंभ होगी जो मत्स्य उद्योग से जुड़े उद्योगों को संबल प्रदान करेगी.
- मोबाइल फोन और टेलीविडन सेट मे लगने वाले कैमरा और कुछ अन्य कलपुर्जों पर आयात शुल्क में कमी होगी. कपड़े और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क की मूल दर 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत की गई.
- जेल में बंद कैदियों को जुर्माने और जमानत राशि के लिए जरूरी वित्त मदद की जाएगी.
- आदिवासी क्षेत्रों में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए तीन वर्षों के दौरान 38 हजार शिक्षकों और सहायत कर्मचारियों की भर्ती होगी.
- क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डे, हेलिपैड, वाटर एयरो ड्रोन बनाए जाएंगे.
- देश में मिलेट्स (ज्वार, बाजरा और मोटे अनाजों) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को केन्द्र से मदद बढ़ाने और उसे उत्कृष्टता केन्द्र का दर्जा देने की घोषणा की. भारत को श्रीअन्न का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा.
- बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह अब तक का सबसे ज्यादा बजट है.
- दो साल के लिए महिला सम्मान बचत पत्र नाम से एक नई लघु बचत योजना का ऐलान. इसमें 2 लाख रुपये तक महिलाएं और लड़कियां पैसा जमा कर सकेंगी और इस पर 7.5 प्रतिशत का निश्चित ब्याज मिलेगा. इसमें आंशिक रूप से निकालने का भी विकल्प होगा.
- नयी कर प्रणाली में सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर से पूरी तरह से मुक्त कर दिया है. इसके साथ ही आयकर स्लैब को छह से पांच कर दिया गया है.अब आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है. इसके मुताबिक तीन से छह लाख तक को 5%, छह से नौ लाख तक को 10% , नौ से 12 लाख तक को 15% और 12 से 15 लाख तक को 20% किया गया है. वहीं 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा.