वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024-25 संसद में पेश करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए तीन अहम घोषणाएं कीं. अव्वल तो वित्त मंत्री ने छोटे व्यवसायियों के लिए नई क्रेडिट स्कीम की घोषणा की. इसके बाद उन्होंने टीआरईडीएस (TReDS) टर्नओवर सीमा को कम किया और मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ा दिया. आइए एक बार करीब से समझते हैं नए बजट में लिए गए छोटे उद्यमों से जुड़े केंद्र सरकार के फैसले.
क्या है नई क्रेडिट गारंटी स्कीम?
सीतारमण ने विनिर्माण क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत छोटे और मध्यम उद्यमी कोलैटरल या तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए सावधि ऋण की सुविधा का फायदा उठा सकेंगे.
सीतारमण ने कहा, “एमएसएमई को कोलैटरल या तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए टर्म लोन की सुविधा के लिए, एक क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की जाएगी. यह स्कीम इस तरह के छोटे और मध्यम उद्यमों के क्रेडिट जोखिम को एक जगह एकत्रित करने के लिए काम करेगा. इसके अलावा अलग से एक सेल्फ-फाइनेंसिंग गारंटी फंड भी तैयार किया जाएगा. यह हर आवेदक को 100 करोड़ रुपए तक का कवर-अप देगा जबकि कर्ज इससे ज्यादा भी होगा."
क्या है TReDS?
इसके अलावा सीतारमण ने TReDS पर खरीदारों की अनिवार्य ऑनबोर्डिंग के लिए टर्नओवर सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया. TreDS भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म है. यह प्लेटफॉर्म एमएसएमई के चालान/बिलों को अपलोड करने, स्वीकार करने, छूट देने, व्यापार और निपटान आदि की सुविधा प्रदान करना. टर्नओवर की सीमा कम करने के बाद ज्यादा छोटे उद्यम TReDS पर आ सकेंगे.
सीतारमण ने कहा, "इससे 22 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) और 7,000 कंपनियां TReDS पर आएंगी."
मुद्रा लोन की सीमा भी बढ़ी
सीतारमण ने कर्ज तक सूक्ष्म उद्यमों की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी. मुद्रा पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में 5.41 लाख करोड़ रुपये की कीमत वाले 6.67 करोड़ मुद्रा लोन को मंजूरी मिली थी. जबकि 5.32 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए.