
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना लगातार आठवां बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट में अलग-अलग सेक्टर्स के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है. इनमें कृषि क्षेत्र से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर तक शामिल हैं.
धन-धान्य कृषि योजना
केंद्र सरकार ने पीएम धन धान्य कृषि योजना शुरू की है, जो ऐसे 100 जिलों में खेती की स्थिति को बेहतर करने पर फोकस करेगी जहां उत्पादकता कम है. इस योजना से देश के करीब 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा, “आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित होकर, हमारी सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ शुरू करेगी. यह योजना कम उत्पादकता और औसत से कम क्रेडिट मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगी."
इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण (क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन) और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रैक्टिस को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक लेवल पर फसल के बाद के स्टोरेज को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म लोन की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना है.
बिहार में मखाना बोर्ड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जायेगी. सीतारमण ने कहा, "इससे राज्य में मखाना के उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में सुधार होगा." बोर्ड मखाना किसानों को मदद और ट्रेनिंग देगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेगा कि उन्हें सभी चल रही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले.
केंद्रीय बजट 2025-26 में, वित्त मंत्री सीतारमण ने बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना और आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की.
दालों में आत्मनिर्भरता का मिशन
सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ दालों के लिए 6 साल का मिशन शुरू करेगी, यह उत्पादकता में सुधार, घरेलू दलहन उत्पादन, किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और क्लाइमेट-रेजिलिएंट (जलवायु के हिसाब से) बीजों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.
SWAMIH फंड 2
वित्त मंत्री ने SWAMIH फंड 2 की घोषणा की, जो सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान से एक मिश्रित वित्त सुविधा के रूप में स्थापित किया जाएगा. ₹15,000 करोड़ के इस फंड का लक्ष्य अन्य 1 लाख यूनिट्स को जल्द से जल्द पूरा करना होगा.
फोकस प्रोडक्ट स्कीम
भारत के फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए एक फोकस प्रोडक्ट स्कीम लागू की जाएगी. यह योजना चमड़े के जूते और उत्पादों के समर्थन के अलावा, गैर-चमड़े के क्वालिटी वाले जूते के उत्पादन के लिए जरूरी डिजाइन क्षमता, कॉम्पोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग और मशीनरी का सपोर्ट करेगी. इस योजना से 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है.
खिलौना सेक्टर के लिए
खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना को आगे बढ़ाते हुए, सरकार भारत को खिलौनों के लिए एक ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए एक योजना लागू करेगी. यह योजना क्लस्टर, स्किल और एक मैन्यूफैक्चरिंग इको-सिस्टम के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी जो हाई क्वालिटी वाले, इनोवेटिव व सस्टेनेबल खिलौने बनाएगी जो 'मेड इन इंडिया' ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे.
पहली बार उद्यमियों के लिए योजना
5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पहली बार उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी. यह योजना अगले पांच सालों के दौरान ₹2 करोड़ तक का टर्म लोन देगी.
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन (नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग मिशन)
2025-26 का बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करने की योजना का खुलासा किया. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीति समर्थन, कार्यान्वयन रोडमैप, शासन और निगरानी ढांचा प्रदान करके "मेक इन इंडिया" को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करेगी."
पर्यटन क्षेत्र
केंद्रीय बजट में प्रस्तावित किया गया कि भारत में शीर्ष 50 पर्यटन स्थल स्थलों को राज्यों के साथ साझेदारी में विकसित किया जाएगा.