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कैश में करते हैं लेनदेन तो रहें सावधान, इन ट्रांजैक्शन से हो सकती है मुसीबत

अगर आप कैश में लेनदेन ज्‍यादा करते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि आपकी जरा सी गलती आपको आयकर विभाग की नजरों में ला सकती है. साथ ही कुछ कैश ट्रांजैक्शन ऐसे भी हैं जो आपको खतरे में डाल सकते हैं. 

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हाइलाइट्स
  • प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते समय नकद लेनदेन 30 लाख रुपयों से ज्‍यादा न करें.

  • बैंकों को 10 लाख से ज्यादा धनराशि वाले फिक्सड डिपॉजिट की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना जरूरी है.

पिछले कुछ सालों में आयकर विभाग (Income Tax Depatment) कैश ट्रांजैक्शन के मामले में कुछ ज्यादा ही सतर्क हो गया है. यहां तक कि अब बैंकों में भी एक लिमिट तक ही नकद में लेनदेन किया जा सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई एजेंसियों के साथ करार भी किया है ताकि उन सभी लोगों का फाइनेंशियल रिकॉर्ड हासिल किया जा सके जो ज्यादा मूल्य वाले नकद लेनदेन करते हैं, बिना उसकी जानकारी ITR में दिए. 

इसके साथ ही आयकर विभाग ने एन्युअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (AIR) भी बनाया है जिससे ज्यादा मूल्य वाले नकद लेनदेन को ट्रैक किया जा सके. फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के लिए  ITR जमा करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 है.अगर आप कैश में लेनदेन ज्‍यादा करते हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि आपकी जरा सी गलती आपको आयकर विभाग की नजरों में ला सकती है. साथ ही कुछ कैश ट्रांजैक्शन ऐसे भी हैं जो आपको खतरे में डाल सकते हैं. 

रियल एस्टेट प्रॉपटी खरीदते समय रखें ध्यान

प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते समय नकद लेनदेन 30 लाख रुपयों से ज्‍यादा न करें. 30 लाख से ज्‍यादा का कैश ट्रांजैक्शन होने पर आप इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की नजरों में आ सकते हैं.

स्टॉक मार्केट में निवेश 

स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड, शेयर, बॉन्ड या डिबेंचर में निवेश करने वालों को भी लेनदेन के समय ध्यान रखना होगा. अगर आप कैश में निवेश कर रहे हैं तो इसकी लिमिट 10 लाख से ज्यादा न हो. 10 लाख से ज्यादा कैश वैल्यू होने पर ITR में जानकारी देना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आयकर विभाग आपके पिछले आयकर रिटर्न की जांच कर सकता है.

फिक्सड डिपॉजिट 

CBDT के अनुसार, बैंकों को 10 लाख से ज्यादा धनराशि वाले फिक्सड डिपॉजिट की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना जरूरी है. ऐसे में अगर आप भी बैंक एफडी (Fixed Deposit) में नकद जमा कर रहे हैं तो यह धनराशि 10 लाख रुपए से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए.अलग-अलग बैंक अकाउंट में 10 लाख या उससे ज्यादा की FD होने पर ITR में जानकारी देना जरूरी है. 

क्रेडिट कार्ड पेमेंट 

क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करते समय 1 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान करने समय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जानकारी देना जरूरी है. लेकिन अगर क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान में 10 लाख से ज्यादा का पेमेंट कैश में करने पर ITR में जानकारी देना जरूरी है. 

सेविंग अकाउंट 

किसी व्यक्ति के लिए बचत खाते में नकद जमा की सीमा 1 लाख रुपये है.अगर कोई सेविंग अकाउंट होल्डर अपने बचत खाते में सालाना 10 लाख रुपए से ज्यादा का लेनदेन करता है तो उसे आयकर विभाग को जानकारी देना जरूरी है. वहीं, चालू खाताधारकों (Current Account Holders) के लिए ये लिमिट 50 लाख रुपये है.