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फाइनेंस बिल में सरकार का प्रस्ताव, अब सार्वजनिक नहीं होगा आयतकों और निर्यातकों का बिज़नेस डेटा

1 फरवरी को संसद में पेश किए गए फाइनेंस बिल में आयातकों या निर्यातकों द्वारा कस्टम डिपार्टमेंट को दिए गए आयात और निर्यात डेटा की सुरक्षा के लिए सीमा शुल्क अधिनियम में "धारा 135AA" सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया था. 

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हाइलाइट्स
  • आयात और निर्यात डेटा की सुरक्षा के लिए पहल

फाइनेंस बिल में कस्टम डिपार्टमेंट को व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई लेन-देन की जानकारी के अवैध प्रकाशन को अपराधीकरण (क्रिमिनलाइज़) करने का प्रस्ताव दिया है. क्योंकि इस तरह के डेटा का दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और कुछ देश भारतीय व्यवसायों को नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं.

इसलिए डेटा के प्रकाशन के खिलाफ कानूनी प्रावधान होने चाहिए. 1 फरवरी को संसद में पेश किए गए फाइनेंस बिल में आयातकों या निर्यातकों द्वारा कस्टम डिपार्टमेंट को दिए गए आयात और निर्यात डेटा की सुरक्षा के लिए सीमा शुल्क अधिनियम में "धारा 135AA" सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया था. 

इस पहल पर सब तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली. एक तरफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना था कि सरकार जनता के लिए डेटा की उपलब्धता को प्रतिबंधित कर रही है. दूसरी तरफ FIEO (Federation of Indian Export Organisations) के महानिदेशक अजय सहाय ने मीडिया को बताया कि एक्सपोर्ट्स अपने व्यवसाय की जो जानकारी कस्टम के ICEGATE को दे रहे हैं उसे कुछ लोग खरीदकर आगे दूसरे व्यवसायियों को बेच देते हैं. 

भारतीय बिज़नेसेज की जानकारी को सुरक्षित रखने का इरादा: 

भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (ICEGATE) केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत भारतीय सीमा शुल्क का राष्ट्रीय पोर्टल है जो कार्गो वाहक और अन्य ट्रेडिंग पार्टनर्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ई-फाइलिंग सेवाएं प्रदान करता है. 

इस मामले में थरूर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीबीआईसी का कहना था कि 135 एए (2) के तहत सरकारी एजेंसियां, जैसे कि डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स, मौजूदा नियमों के अनुसार डेटा को बिना किसी रोक-टोक के प्रकाशित करना जारी रखेगा. 

फाइनेंस बिल में प्रस्तावित क्लॉज़ सिर्फ निजी संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत, लेनदेन स्तर की जानकारी के अवैध प्रकाशन को क्रिमिनलाइज़ करने के लिए है. किसी भी स्थिति में, कॉमर्स डिपार्टमेंट के माध्यम से डेटा प्रकाशन जारी रहेगा. वर्तमान में, डायरेक्टर जनरल ऑफ़ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCI&S) सरकार की वेबसाइट tradestat.commerce.gov.in के माध्यम से निर्यात और आयात डेटा प्रदान करते हैं.