शार्क टैंक इंडिया के सीज़न 2 में बहुत से उद्यमियों ने शो में अपनी कंपनियों को पिच किया और लाखों की फंडिंग ली है. आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे स्टार्टअप के बारे में जिनकी पिच सभी शार्क्स को पसंद आई और जिन्हें उनकी डील भी मिली लेकिन फाउंडर्स ने डील ठुकरा दी.
यह कहानी है कुंवरप्रीत सिंह जुनेजा और मनमीत सिंह बत्रा की, जो Twisting Scoops के संस्थापक हैं. ट्विस्टिंग स्कूप्स एक आइसक्रीम चेन है जो बकरी के दूध से बनी टर्किश आइसक्रीम बेचती है. साल 2016 में स्थापित, ट्विस्टिंग स्कूप, आइसक्रीम के साथ "मनोरंजन" भी करता है. जैसा कि हम सबको पता है कि टर्किश आइसक्रीम पार्लर में सर्वर आइसक्रीम कोन को देने से पहले आपके साथ हंसी-मजाक करते हैं.
पहली और सबसे बड़ी टर्किश आइसक्रीम ब्रांड
संस्थापकों के अनुसार, ट्विस्टिंग स्कूप्स की शुरुआत चंडीगढ़ में हुई थी, लेकिन आज पूरे भारत में इसके स्टोर हैं. फिलहाल, वे 240 लोगों की एक टीम को संभाल रहे हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए एयर इंडिया कार्गो के साथ साझेदारी भी की है कि 72 घंटों के भीतर सभी आउटलेट्स पर उनके दिल्ली प्लांट (कीर्ति नगर में एक फैक्ट्री) से स्टॉक पहुंचाया जाए. जुनेजा और बत्रा का दावा है कि यह एशिया की पहली और सबसे बड़ी टर्किश आइसक्रीम ब्रांड चेन है.
बचपन के दोस्त से लेकर को-फाउंडर तक
Business Insider के मुताबिक, 24 साल के जुनेजा, और 23 वर्षीय बत्रा स्कूल के दोस्त हैं जिन्होंने टेक्सटाइल डिज़ाइनिंग की हुई है. अपनी पढ़ाई के दौरान एक बार वे छुट्टी मनाने के लिए इस्तांबुल, तुर्की गए थे. तभी उन्होंने टर्किश आइसक्रीम का अनुभव किया और इसे भारत में लाने का फैसला किया. जुनेजा उस समय 18 वर्ष के थे और बत्रा 17 वर्ष के थे और यह उनका पहला उद्यम था.
आज उनके स्टोर तीन तरह से चल रहे हैं - कियोस्क, स्टोर और कार्ट. कार्ट केवल उन हवाईअड्डों पर उपलब्ध हैं जहां किराया बहुत अधिक है. वे आइसक्रीम के 45 से अधिक फ्लेवर परोसते हैं और एक आइसक्रीम की शुरुआती कीमत ₹79 (प्लस जीएसटी) है.
तुर्की से ली ट्रेनिंग
जुनेजा और बत्रा ने यह भी कहा कि वे भारत में अपनी टीम को प्रशिक्षित करने से पहले प्रासंगिक अनुभव और प्रशिक्षण लेने के लिए तुर्की गए थे. उन्होंने बताया कि पहले उनके बिजनेस मॉडल में फ्रेंचाइजी भी थी. लेकिन इसमें उन्हें परेशानी आ रही थी.
उन्होंने शार्क टैंक इंडिया में बताया कि उन्हें (फ्रेंचाइजी के साथ) समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि वे कर्मचारियों और आउटलेट के रखरखाव पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहे थे. कभी-कभी वे तीसरे वेंडर से आइसक्रीम लेकर ग्राहकों को देते थे. इसलिए उनका ज्यादा समय सिर्फ इन्ही चीजों को सुधारने पर जा रहा था. इसलिए उन्होंने फ्रेंचाइजी मॉडल को बंद कर दिया.
करोड़ों में है रेवेन्यू
आइसक्रीम के अलावा, ब्रांड तुर्की के अन्य व्यंजनों जैसे बाकलावा, मध्य-पूर्वी और तुर्की कॉफी, कुनाफा और फलाफेल भी बेचता है. उनकी मासिक औसत बिक्री ₹2.5-₹2.75 करोड़ के बीच है. जिसमें ₹45-₹50 लाख उनका प्रॉफिट है.
सभी शार्क्स इन दो युवा उद्यमियों से प्रभावित थे. कई शार्क्स ने कहा कि वे अपने विजन में क्लियर हैं और उन्हें फंडिंग या एक्सपर्टीज की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वे बिल्कुल सही कर रहे हैं. CarDekho.com के सह-संस्थापक अमित जैन ने कहा कि जब आप स्क्रैच से काम करते हैं, तो आप बहुत कुछ सीखते हैं.
पीयूष बंसल ने दी डील
उनकी पिच और उत्पाद से प्रभावित होकर, अमन गुप्ता ने कहा कि वह टीम के साथ जुड़ना चाहते है लेकिन वह केवल तभी शामिल होंगे जब कोई अन्य शार्क प्रस्ताव देगा. वहीं, Shaadi.com के संस्थापक अनुपम मित्तल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि फाउंडर्स को पैसे की जरूरत है और वे अपने दम पर सफल हो सकते हैं.
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर ने कहा कि उन्हें फंडिंग लेकर अपनी इक्विटी को कम नहीं करना चाहिए. हालांकि, पीयूष बंसल ने 10% इक्विटी के लिए ₹50 लाख की पेशकश की, साथ ही लोन के रूप में ₹50 लाख की पेशकश की. लेकिन जुनेजा और बत्रा ने इस ऑफर को लेने से मना कर दिया और बिना किसी डील के चले गए.