कोरोना काल में लॉकडाउन समेत कई तरह के प्रतिबंधों के लगने से कारों समेत पूरे वाहन बाजार को भारी नुकसान हुआ था. इसके बाद डिमांड बाजार में लौटी तो सेमीकंडक्टर संकट के चलते प्रॉडक्शन घट गया और कारों पर महीनों लंबी वेटिंग ने इनकी बिक्री में डेंट लगा दिया. अब सेमीकंडक्टर की सप्लाई सामान्य हो रही है तो तेजी से बढ़ते CNG सेगमेंट को झटका लगने की आशंका है. इसकी वजह है कि बीते 1 साल में पेट्रोल-डीजल के दाम तो तकरीबन एक ही स्तर पर जमे हुए हैं. लेकिन इन 12 महीनों में CNG की कीमत 70 फीसदी तक बढ़ गई है. इसके चलते लोग कंपनी फिटेड CNG कारों से परहेज कर रहे हैं. इस बढ़ोतरी के असर से आशंका है कि कारों समेत तमाम तरह के CNG वाहनों की बिक्री इस साल अनुमान के मुकाबले 25-30 फीसदी कम रह सकती है.
अनुमान से 2 लाख कम रहेगी CNG वाहनों की बिक्री
वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत से पहले ऑटो इंडस्ट्री को इस साल करीब साढ़े 7 लाख CNG चालित वाहनों की बिक्री का भरोसा था. लेकिन जिस तरह से अप्रैल में CNG के दाम बढ़े हैं और अब नेचुरल गैस के दाम इनमें आगे भी इजाफे का संकेत दे रहे हैं उसे देखते हुए इस साल के लिए ऑटो कंपनियों ने अपने प्रॉडक्शन टारगेट्स घटा दिए हैं. अब उद्योग को उम्मीद है कि इस साल ज्यादा से ज्यादा साढ़े 5 लाख CNG चालित वाहन ही वो बेच पाएंगे. हालांकि ये आंकड़ा अभी भी 2021-22 के 2.61 लाख CNG चालित वाहनों की बिक्री के मुकाबले करीब दोगुना है.
अक्टूबर में 15 रुपये महंगी हो जाएगी CNG!
नैचुरल गैस के दाम सरकार साल में 2 बार अप्रैल और अक्टूबर में तय करती है. एक अप्रैल को प्राकृतिक गैस के दाम को बढ़ाकर 6.10 डॉलर/ MMBTU किया गया था. लेकिन अब आशंका है कि एक अक्टूबर से ये कीमत बढ़कर 9/ MMBTU हो सकती है. इसके मायने हुए कि कीमतों में 50 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है. यही नहीं गहरे क्षेत्रों से निकाली जाने वाले नैचुरल गैस का दाम तो 9.92 डॉलर/ MMBTU से बढ़ाकर 12 डॉलर/ MMBTU किया जा सकता है. अगर प्राकृतिक गैस का दाम एक डॉलर बढ़ता है तो सीएनजी 4.5 रुपये प्रति किलो तक महंगी हो जाती है. ऐसे में 3 डॉलर के करीब नैचुरल गैस के महंगा होने पर सीएनजी 12 से लेकर 15 रुपये प्रति किलो तक महंगी की जा सकती है.
CNG की रनिंग कॉस्ट बढ़ने से होगा नुकसान!
अप्रैल के पहले तक कंपनी फिटेड CNG कार का एक किलोमीटर चलने का खर्च 1.60 रुपये/किलोमीटर था. लेकिन इसके बाद जिस तरह से CNG के दाम लगातार बढ़े हैं, उसके बाद अब ये खर्च दिल्ली में बढ़कर 2.70 रुपये/किलोमीटर हो गया है. ऐसे में लोगों की जेब पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि ये खर्च अभी भी पेट्रोल-डीजल कार के मुकाबले अभी भी करीब आधा है. ये किफायत इसके बावजूद है कि पेट्रोल-डीजल कार की रनिंग कॉस्ट 5.30 रुपये/किलोमीटर से मामूली घटकर 5 रुपये/किलोमीटर रह गई है. वैसे तो पेट्रोल-डीजल और CNG के बीच दाम का अंतर देश के अलग-अलग शहरों के रेट के हिसाब से 3 रुपये से लेकर 15 रुपये तक है. लेकिन CNG का माइलेज 30 फीसदी तक ज्यादा होने की वजह से रनिंग कॉस्ट में कमी आती है.
(इनपुट-आदित्य के राणा)