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7th Pay Commission: आप सरकार का बड़ा कदम, पंजाब में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए लागू किया सातवां वेतन आयोग

पंजाब सरकार ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया है. अब शिक्षकों को सैलरी सातवें वेतन आयोग के हिसाब से मिलेगी.

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हाइलाइट्स
  • शिक्षकों की छह साल से लंबित मांग को किया पूरा

पंजाब में आप सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि कॉलेजों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के तहत भुगतान किया जाएगा. पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बुधवार को कहा कि आप सरकार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की पिछले छह साल से लंबित मांग को पूरा कर दिया है.

हेयर ने कहा कि पहले ही साल में मान सरकार ने पंजाब के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए यूजीसी 7वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया. अक्टूबर माह में लागू इस निर्णय से शिक्षकों को सरकारी खजाने से 280 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ होगा. इसके साथ ही कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों और अंशकालिक शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की गई और उन्हें विभिन्न प्रकार की छुट्टियां दी गईं. 

सभी साइनबोर्ड पर पंजाबी भाषा को प्राथमिकता
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गुरमीत सिंह ने कहा कि पंजाबी भाषा को उचित सम्मान देने के लिए, भाषा विभाग द्वारा नवंबर के महीने को पंजाबी महीने के रूप में मनाया गया. इस महीने के दौरान, अमृतसर में एक राज्य स्तरीय समारोह में, सीएम मान ने एक बड़ा फैसला लिया और राज्य भर में सभी साइनबोर्ड पर पंजाबी भाषा को प्राथमिकता देने की घोषणा की. किसी भी सरकारी, निजी या अन्य बोर्ड पर पंजाबी भाषा सबसे ऊपर लिखी जानी चाहिए और उसके बाद ही कोई अन्य भाषा लिखी जा सकती है. 

21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के बाद इन आदेशों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही, पंजाबी माह की शुरुआत में भाषा भवन में सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के लिए चुने गए लेखकों को पुरस्कार दिए गए. 

उन्होंने कहा कि इस वर्ष कहानीकार सुखजीत को उनकी पुस्तक 'मैं अयांघोष नहीं' के लिए और भूपिंदर कौर प्रीत को आदिवासी काव्य पुस्तक 'नागारे वांग वजदे शबद' के अनुवाद के लिए भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो पंजाब के लिए गर्व की बात है.