scorecardresearch

होने जा रही है नई शुरूआत, गाड़ी चलाने के लिए अब नहीं रहना होगा पेट्रोल-डीजल पर निर्भर

फ्लैक्स फ्यूल इंजन एक तरह से इंटरनल कंबस्शन इंजन ही होता है जो एक से ज्यादा टाइप के फ्यूल से चल सकता है और चाहे तो इसे मिक्स फ्यूल पर भी चलाया जा सकता है. इसमें पेट्रोल के साथ साथ इथेनॉल और मेथेनॉल का मिश्रण इस्तेमाल किया जा सकता है. फ्यूल कंपोजिशन सेंसर और ईसीयू प्रोग्रामिंग जैसी टेक्नोलॉजी के आ जाने से इंजन अपने आप मात्रा तय करते हुए फ्यूल का इस्तेमाल कर सकता है.

नितिन गडकरी नितिन गडकरी

पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटाने के लिए वाहन कंपनियां जल्द दोहरे इंजन वाली गाड़ियां बाजार में लाएंगी.  केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को ही मैंने फ्लेक्सी इंजन की एडवाइजरी पर हस्ताक्षर किए हैं. और कंपनियों के पास इसे लागू करने के लिए छह महीने का वक्त है. सरकार वाहनों में ऑप्शनल ईंधन को बढ़ावा देने के लिए फ्लेक्सी इंजन वाली गाड़ियों पर जोर दे रही है.  ऐसे वाहन एक से ज्यादा ईंधन पर चल सकते हैं.

फ्लेक्स फ्यूल पेट्रोल और मेथनॉल या एथनॉल का मिश्रण होता है, जो कम प्रदूषण के साथ कच्चे तेल पर निर्भरता घटाने में मददगार होगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हमारा लक्ष्य जल्द ही चार पहिया वाहनों को 100 फीसदी एथनॉल पर चलाने का है.  तब हमें पेट्रोल की जरूरत नहीं होगी और वैकल्पिक ईंधन से हमारा लाखों करोड़ रुपया बचेगा. टीवीएस मोटर व बजाज ऑटो जैसी कंपनियों ने फ्लेक्स इंजन वाले दोपहिया और तिपहिया बनाने शुरू भी कर दिए हैं. 

ओमिक्रॉन से प्रभावित हुई वाहन बिक्री में  2023 तक सुधार के आसार : फाडा

ऑटोमोबाइल डीलर संगठन फाडा ने कोविड के नए वैरिएंट को वाहन उद्योग के लिए बड़ा खतरा बताया है. फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे से दुनियाभर में डर फैलने लगा है. पहले से चल रहे सेमीकंडक्टर संकट के बीच महामारी दोबारा बढ़ने का वाहन आपूर्ति पर बुरा असर पड़ेगा. इससे 2022 की पहली छमाही में वाहन कंपनियों का कारोबार, बिक्री और आपूर्ति बुरी तरह चरमरा सकती है.

हालांकि, दूसरी छमाही से सेमीकंडक्टर की आपूर्ति  नॉर्मल होने की उम्मीद है, जिसके बाद मांग भी बढ़ेगी. अगर कोरोना पूरी तरह बीत जाए तो 2023 में वाहन उद्योग वापस पटरी पर आ सकता है और बिक्री दोबारा कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी. 

दोपहिया बाजार पर बढ़ा संकट

गुलाटी ने कहा कि दोपहिया बाजार दबाव में है। ग्रामीण क्षेत्र की मांग घटने से दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले कुछ महीनों से लगातार घट रही है। अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो दोपहिया वाहनों के बाजार पर और असर दिखेगा। गौरतलब है कि फाडा देशभर में 15 हजार डीलर व 26,500 डीलरशिप का प्रतिनिधित्व करती है।

क्या हैं फ्लैक्स फ्यूल इंजन

फ्लैक्स फ्यूल इंजन एक तरह से इंटरनल कंबस्शन इंजन ही होता है जो एक से ज्यादा टाइप के फ्यूल से चल सकता है और चाहे तो इसे मिक्स फ्यूल पर भी चलाया जा सकता है. इसमें पेट्रोल के साथ साथ इथेनॉल और मेथेनॉल का मिश्रण इस्तेमाल किया जा सकता है. फ्यूल कंपोजिशन सेंसर और ईसीयू प्रोग्रामिंग जैसी टेक्नोलॉजी के आ जाने से इंजन अपने आप मात्रा तय करते हुए फ्यूल का इस्तेमाल कर सकता है. फ्लैक्स फ्यूल से ईंधन की लागत घट जाती हैं. वहीं ऐसे ईंधन पर चलने वाली गाड़िया कम प्रदूषण फैलाती हैं. ऐसे में केंद्रीय मंत्री ने सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों से इस पहल को शुरू करने की अपील की है.