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Amazon पर लगा 200 करोड़ का जुर्माना, रेगुलेटरी अप्रूवल के समय जरूरी जानकारी छिपाने का है आरोप

CCI के इस 52 पेज के आर्डर में भारत के एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर ने कहा कि अमेज़न ने 2019 की इस डील में "वास्तविक उद्देश्य और विवरण" को दबा दिया और अपने ड्राफ्ट में गलत तथ्य दिखाए हैं. सीसीआई ने कहा कि अब इस ड्राफ्ट की नए सिरे से जांच करना जरूरी है और तब तक के लिए इसकी मंजूरी पर रोक लगा दी गयी है.

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हाइलाइट्स
  • हिस्सेदारी को लेकर लगाया गया है आरोप

  • नए सिरे से होगी जांच, तब तक के लिए रोक

कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने शुक्रवार को अमेज़न (Amazon) की फ्यूचर कूपन ग्रुप के साथ हुई डील को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ रेगुलेटरी अप्रूवल के समय जरूरी जानकारी छिपाने के आरोप में 202 करोड़ रूपये का जुर्माना भी ई-कॉमर्स कंपनी पर लगा दिया है. 

नए सिरे से होगी जांच, तब तक के लिए रोक 

सीसीआई के इस 52 पेज के आर्डर में भारत के एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर ने कहा कि अमेज़न ने 2019 की इस डील में "वास्तविक उद्देश्य और विवरण" को दबा दिया और अपने ड्राफ्ट में गलत तथ्य दिखाए हैं. सीसीआई ने कहा कि अब इस ड्राफ्ट की नए सिरे से जांच करना जरूरी है और तब तक के लिए इसकी मंजूरी पर रोक लगा दी गयी है. 

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हिस्सेदारी को लेकर लगाया गया है आरोप 

दरअसल, ये आरोप अमेज़न पर फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने लगाया है. अमेज़न ने FPCL में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने नाम करके पैरेंट फर्म के रूप में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को नियंत्रित करने के इरादे को अपने ड्राफ्ट में नहीं बताया है.

इसपर सीसीआई ने अपने आदेश में कहा, "अमेज़ॅन ने कॉम्बिनेशन के असली स्कोप को दबा दिया था और कमर्शियल एग्रीमेंट में झूठे और गलत बयान दिए हैं, जो कि कंपनियों के कॉम्बिनेशन के दायरे और उद्देश्य से जुड़े हुए हैं."