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फिर से पटरी पर देश की इकॉनमी! अगले साल 9% की दर से बढ़ेगी GDP

GDP Growth Rate Of India: चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने इसपर कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी 13 संकेतकों में से सात संकेतक कोरोना से पहले जो ग्रोथ थी उससे अधिक की ओर इशारा कर रहे हैं. इनमें जीएसटी ई-वे बिल जनरेशन,नॉन-ऑयल एक्सपोर्ट, रेल माल ढुलाई , कोल इंडिया लिमिटेड आउटपुट , बिजली उत्पादन, पेट्रोल खपत और बंदरगाहों पर कार्गो ट्रांसपोर्ट शामिल है.

GDP GDP
हाइलाइट्स
  • हो सकती है पहले से ज्यादा ग्रोथ

  • 13 संकेतकों में से सात संकेतकों का कोरोना से पहले की ग्रोथ से अधिक की ओर इशारा

  • 6 संकेतकों में देखी गई है गिरावट

कोविड-19 महामारी की वजह से देश में कई चीजें प्रभावित हुई, अर्थव्यवस्था भी इन्हीं में से एक है. लेकिन अब धीरे धीरे ये पटरी पर आ रही है. साल खत्म होने से पहले रेटिंग एजेंसी इकरा (ICRA) ने गुड न्यूज दी है. इकरा ने अनुमान लगाया है कि भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 दोनों में 9 फीसदी की दर से बढ़ेगी. आपको बता दें, ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच जहां चारो ओर अनिश्चतता का माहौल बना हुआ है, ऐसे में इकरा का ये अनुमान राहत देने वाला है. 

दरअसल, मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने एक स्टेबल या टिकाऊ रिकवरी के लिए कुछ टर्म्स एंड कंडीशन रखी हैं, जिससे पता चलता है कि देश की इकॉनमी स्टेबल है या नहीं. ऐसे में रेटिंग एजेंसी इकरा के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के जो आंकड़े हमारे सामने हैं वे इस बात का पुख्ता सबूत नहीं हैं कि ग्रोथ रिकवरी का जो दायरा है, उसे हासिल कर लिया गया है.

हो सकती है पहले से ज्यादा ग्रोथ 

चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने इसपर कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी 13 संकेतकों में से सात संकेतक कोरोना से पहले जो ग्रोथ थी उससे अधिक की ओर इशारा कर रहे हैं. इनमें जीएसटी ई-वे बिल जनरेशन,नॉन-ऑयल एक्सपोर्ट, रेल माल ढुलाई , कोल इंडिया लिमिटेड आउटपुट , बिजली उत्पादन, पेट्रोल खपत और बंदरगाहों पर कार्गो ट्रांसपोर्ट शामिल है. 

ग्रोथ की बात करें तो, जीएसटी ई-वे बिल जनरेशन में +26.7 प्रतिशत की ग्रोथ, नॉन-ऑयल एक्सपोर्ट में +26.0 प्रतिशत, रेल माल ढुलाई +20.2 प्रतिशत, कोल इंडिया लिमिटेड आउटपुट +15.7 प्रतिशत, बिजली उत्पादन +9.9 प्रतिशत, पेट्रोल खपत +6.4 प्रतिशत और बंदरगाहों पर कार्गो ट्रांसपोर्ट में +4.0 प्रतिशत की ग्रोथ शामिल हैं.

6 संकेतकों में देखी गई है गिरावट 

हालांकि, बचे हुए 6 संकेतकों में पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर-नवंबर में गिरावट देखने को मिली है. ये संकेतक इशारा हैं कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी व्यापक आधार पर नहीं हुई है. इन 6 संकेतकों में स्कूटर उत्पादन (-25.1%), डोमेस्टिक एयर पैसेंजर ट्रैफिक (-22.8%), गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन (-22.8%), डीजल की खपत (-6.8%), पैसेंजर व्हीकल उत्पादन (-3.1%) और मोटरसाइकिल उत्पादन (-2.6%) शामिल है.