भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री एक्स्प्रेस के बारे में तो आपने सुना होगा. पर अब दोनों देशों के बीच किसान ट्रेन भी चलना शुरू हुई है. देश की पहली किसान किन्नू स्पेशल ट्रेन कल रात बांग्लादेश के लिए राजस्थान के श्री गंगानगर से रवाना हुई. 15 बोगी वाली यह ट्रेन 368 मीट्रिक टन किन्नू लेकर बांग्लादेश के पास बनगांव रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी.
किसान ट्रेन रवाना होने से इस इलाके के व्यापारियों में खुशी की लहर दिखाई दी. उन्हें लगता है कि इस बार पिछले साल की तुलना में बांग्लादेश में किन्नू की मांग से क़ीमत बढ़ेगी. वहां बनगांव रेलवे स्टेशन से किन्नू ट्रकों के माध्यम से फल मंडियों में पहुंचकर बांग्लादेशियों को अपने रसीले मीठे स्वाद से आनंदित करेगा. दूसरी तरफ़ किन्नू ट्रेन से इस क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होने वाले हैं. लोगों का मानना है किन्नू ट्रेन के चलने से जहां बागवानी को बढ़ावा मिलेगा वहीं रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.
किन्नू के भावों में तेजी के आसार
आमतौर पर किन्नू ट्रकों के जरिये बांग्लादेश जाता था, जिसे पहुंचने में 5-6 दिन लगते थे और किराया भी बहुत ज्यादा था. वहीं ट्रेन से यह किन्नू लगभग 42 घंटे में बांग्लादेश पहुंच जाएगा. रेलवे ने व्यापारियों को किराये में विशेष छूट दी है. विदेशी निर्यात के चलते किन्नू के भावों में भी तेजी के आसार पैदा होंगे. राजस्थान के श्री गंगानगर का किन्नू अपनी बेहतर गुणवत्ता और स्वाद के कारण विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. गंगानगरी किन्नू श्रीलंका ,नेपाल ,बांग्लादेश ,ऑस्ट्रेलिया के अलावा देश में कोयंबटूर,बेंगलुरु, मद्रास, कालीघाट, पटना, कोलकाता, विशाखापट्टनम, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में सप्लाई किया जाता है.
भेजने से पहले हाई क्वालिटी केमिकल से स्प्रे और वैक्स किया गया
कोरोना महामारी को देखते हुए किन्नू को बांग्लादेश भेजने से पहले हाई क्वालिटी केमिकल से स्प्रे और वैक्स किया गया ताकि किन्नू सुरक्षित वहां पहुंच सके. इसे स्पेशल वीटी कोच में रवाना किया गया है. किसान सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछली बार 3 लाख 80 हज़ार मीट्रिक टन किन्नू हुआ था मगर क़ीमत नहीं मिल पाई थी. श्री गंगानगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद ने कहा कि वे पंजाब और अन्य राज्यों की तुलना में गंगानगरी किन्नू लाली युक्त, आकर्षक रंग ,पतले छिलके और रसीले मिठास के लिए जाना जाता है.
(शरत कुमार की रिपोर्ट)