बिजनेस की दुनिया में साइरस मिस्त्री कोई साधारण नाम नहीं हैं. वह भारतीय मूल के चर्चित खरबपति पलोनजी शापूरजी मिस्त्री के सबसे छोटे बेटे हैं. साइरस मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को मुंबई में हुआ था. आज वह अपना 54वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. 1992 में साइरस मिस्त्री ने भारत के सबसे प्रमुख वकीलों में से एक इकबाल छागला की बेटी रोहिका छागला से शादी की है. उनके दो बेटे हैं.
मुंबई में हुई शुरुआती पढ़ाई
साइरस मिस्त्री ने मुंबई के कैथेड्रल एवं एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद वह सिविल इंजीनियरिंग के लिए लंदन चले गए. उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से (प्रबंधन) में मास्टर डिग्री है. उनके पास भी अपने पिता की तरह आयरिश नागरिकता है.
1991 में ज्वॉइन किया पिता का कारोबर
सायरस मिस्त्री ने अपने पिता के कारोबार पलोनजी शापूरजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया था. उन्हें 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप का निदेशक नियुक्त किया गया. अपने पिता की तरह ही साइरस मिस्त्री ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है. पलोनजी मिस्त्री ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है.
कारोबार को नई ऊंचाइयों पर लेकर गए साइरस
साइरस मिस्त्री ने अपने दो दशक के कार्यकाल में शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी को कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट के मामले में दुनिया भर में स्थापित किया है. उनके निर्देशन में कंपनी ने मध्य पूर्व और अफ्रीका में विकास किया है. इस ग्रुप का कारोबार 50 देशों में फैला है. उन्हें अपने पिता के कारोबार को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का श्रेय जाता है. सायरस मिस्त्री कंस्ट्रक्शन फेडरेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य भी हैं.
2012 में बनाए गए टाटा समूह के मुखिया
2006 में पलोनजी मिस्त्री टाटा समूह के बोर्ड से रिटायर हुए और 38 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली. पलोनजी मिस्त्री टाटा समूह के सबसे बड़े शेयरहोल्डर थे. इस तरह साइयस को शापूरजी पलोनजी ग्रुप के अलावा टाटा समहू की कई कंपनियों का निदेशक चुना गया. नवंबर 2011 में साइरस मिस्त्री को टाटा समूह का उपाध्यक्ष बनाया गया. और रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद उन्हें 28 दिसंबर, 2012 को टाटा का चेयरमैन बनाया गया.
रतन टाटा से कोर्ट में केस हारे साइरस मिस्त्री
साइरस मिस्त्री ने छठे चेयरमैन के तौर पर ग्रुप में कार्यभार संभाला था, लेकिन 2016 में मिस्त्री को पद से हटा दिया गया था. अचानक पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने टाटा संस और रतन टाटा के खिलाफ केस किया. फैसला सायरस मिस्त्री के पक्ष में आया. इसके बाद टाटा ग्रुप ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने टाटा समूह के पक्ष में फैसला सुनाया. इसे सबसे बड़ा कार्पोरेट बैटल कहा जाता है. आपको बता दें, टाटा समूह में टाटा संस की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद सबसे ज्यादा 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी शापूरजी की है.