
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की पूनम ठाकुर हर महिला के मिसाल हैं. वो डेयरी फार्मिंग से लाखों की कमाई कर रही हैं. पूनम ठाकुर नर्स की नौकरी करती थीं, लेकिन उनका मन इसमें नहीं लगता था. उन्होंने अपना काम करने की ठानी और नर्स की नौकरी छोड़ दी. पूनम ने पहले जानकारी हासिल की और फिर डेयरी फार्मिंग का काम शुरू किया. पूनम ने अपना काम करने का सपना पूरा किया और इसके साथ ही उनको अच्छी-खासी कमाई भी हो रही है.
12 गायों से रोजाना 230 लीटर दूध-
पूनम ठाकुर बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल के करगोड़ा गांव की रहने वाली हैं. वो पशुपालन का काम करती हैं. इस समय पूनम के पास 12 गायें हैं. जिससे रोजाना करीब 230 लीटर दूध मिलता है. पूनम को इस धंधे से हर महीने 2.5 लाख रुपए की कमाई होती है. पूनम अमूल कंपनी को दूध सप्लाई करती हैं.
9 महीने में बढ़ाया कारोबार-
जब पूनम ठाकुर ने पशुपालन का काम शुरू करने की बात की तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे. उनका मानना था कि एक महिला पशुपालन का काम कैसे कर सकती है? लेकिन पूनम ने लोगों की नहीं सुनी, उन्होंने अपने सपने को साकार करने की ठान ली. पूनम ने लोगों की आलोचना की परवाह नहीं की. उसने दृढ़ निश्चय के साथ अपना काम किया और आज उनका डेयरी फार्मिंग का कारोबार अच्छा चल रहा है.
पूनम ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की. पूनम ने इसकी शुरुआत 9 महीने पहले की थी और आज हर महीने लाखों रुपए कमा रही हैं. पूनम ने भटिंडा के गुरविंदर डेयरी फार्म से एक होस्टन गाय खरीदी और धीरे-धीरे अपना कारोबार बढ़ाया. आज उनके पास 12 गायें हैं.
इलाके में हो रहा है नाम-
पूनम ठाकुर ने गायों की राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेले में सफलता का परचम लहराया. पूनम मेले में अपने 4 पशुओं को लेकर गई. इनमें से 3 पशुओं को विभिन्न कैटेगरी में पहला, तीसरा और चौथा स्थान हासिल हुआ. पूनम मेले में हिस्सा लेने वाली इकलौती महिला थीं.
रोजगार भी दे रही हैं पूनम-
पूनम ठाकुर पशुपालन से सिर्फ मुनाफा ही नहीं कमा रही हैं, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. पूनम के डेयरी फार्म में 3 लोग काम करते हैं. पूनम खुद भी डेयरी फार्म में मेहनत करती हैं. पूनम का कहना है कि अगर महिलाओं को सही अवसर और सहयोग मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं. उनकी यह उपलब्धि महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है. पूनम ने बताया कि वो गायों को सुपर 30 प्लस फीड और तूडी साइलेज देते हैं, इससे दूध की गुणवत्ता अच्छी होती है.
(बिलासपुर से मुकेश कुमार की रिपोर्ट)
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