एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं.
बुधवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में कनॉट प्लेस में दिल्ली के बड़े बाज़ारों के कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट से जुड़े व्यापारी संगठनों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया जाए, अब इसका चारों तरफ व्यापारी विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें:
प्रदर्शन कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 30 दिसंबर को दिल्ली में कपड़ों पर जीएसटी के विरोध में दिल्ली की 1 लाख दुकानें बंद रहेंगी. जिसमें प्रमुख बाजार चांदनी चौक, गांधी नगर, करोल बाग, ओखला, लाजपत नगर, रोहिणी, पीतमपुरा के बाज़ार शामिल हैं.
चांदनी चौक मार्केटिंग एसोसिएशन के भगवान बंसल ने बताया कि GST बढ़ने से व्यापार का भारी नुकसान होगा. महंगाई बढ़ने के साथ साथ छोटे व्यापारियों की रोजी रोटी छिन जाएगी.
प्रदर्शन करने पहुंची CTI की महिला काउंसिल की अध्यक्ष मालविका साहनी ने कहा कि कपड़े पर GST 12% करने से रेडीमेड महिला व्यापारी को मजबूरन बिजनेस बन्द करना पड़ सकता है. मालविका ने कहा कि विदेश से आने वाले माल की खपत बढ़ जाएगी और देश के कपड़ा बाज़ार को नुकसान होगा.
रेडीमेड कपड़ों की फैक्ट्री चलाने वालीं फाहिमा ने बताया कि मास्क बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कपड़ा भी महंगा हो जाएगा. फाहिमा ने केंद्र सरकार से GST घटाने की मांग की है.
व्यापारियों की हड़ताल से बिगड़ सकते हैं हालात:
बृजेश गोयल ने कहा कि आजादी के बाद से जीएसटी आने तक कपड़ा टैक्स फ्री था. लेकिन जब जीएसटी लागू किया गया तो कपड़े पर 5% जीएसटी लगा दिया गया था और अब केन्द्र सरकार जले पर नमक छिड़कते हुए इस पर जीएसटी बढ़ाकर 12% करने जा रही है. इससे कपड़े काफी महंगे हो जाएंगे और आम जनता को भी इसका बोझ उठाना पड़ेगा, सरकार ने कफन पर भी टैक्स लगा दिया.
व्यापारियों का कहना है कि अगर 12% जीएसटी लगा दिया गया तो व्यापारी के पास पूंजी नहीं बचेगी और ना केवल हजारों छोटे छोटे कारखाने बंद हो जायेंगे बल्कि टैक्स चोरी भी बढ़ेगी. दिल्ली के व्यापारियों का मानना है कि GST बढ़ने से चीन और बांग्लादेश से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा.
व्यापारियों की इस हड़ताल से न सिर्फ बाजार बल्कि आम जनजीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा. दिल्ली में मुख्य बाजारों की एक लाख दुकानों के बंद होने से ग्राहकों को परेशानी होगी. साथ ही, व्यापारियों के सड़कों पर प्रदर्शन से राजधानी में हालात और बिगड़ सकते हैं.
ऐसे में देखना यह है कि क्या सरकार व्यापारियों की मांग मानती हैं या फिर कपड़ों पर GST बढ़ेगा? सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों में भी इस फैसले की निंदा हो रही है. अलीगढ़, लुधियाना और काशी के व्यापारियों ने भी अपना रोष प्रकट किया है.
(पंकज जैन की रिपोर्ट)