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ScrapUncle: कबाड़ से खड़ा किया कारोबार, 25 साल का लड़का बना मॉडर्न कबाड़ीवाला, शार्क टैंक से मिली 60 लाख की फंडिंग

Shark Tank India Season 2 में हाल ही में दिल्ली के मुकुल छाबड़ा ने ScrapUncle नामक अपना वेस्ट-मैनेजमेंट का बिजनेस पिच किया, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.

ScrapUncle got funding of 60 lacs (Photo: Instagram) ScrapUncle got funding of 60 lacs (Photo: Instagram)
हाइलाइट्स
  • स्क्रैपअंकल एक वेबसाइट और ऐप के माध्यम से स्क्रैप रीसाइक्लिंग सर्विसेज देता है

  • ScrapUncle दिल्ली स्थित एक स्टार्टअप है

रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया के सीज़न 2 में, कई उद्यमियों ने ऐसे उत्पाद पेश किए जिनका उद्देश्य देश की समस्याओं को हल करना है. शो में हाल ही में पेश किया गया स्टार्टअप- ScrapUncle भी इसी क्लब में आता है. 

साल 2019 में शुरू हुआ, ScrapUncle दिल्ली स्थित एक स्टार्टअप है जो खुद को एक मॉडर्न 'कबड्डीवाला' (स्क्रैप डीलर) के रूप में स्थापित करता है, जिसका उद्देश्य "भारत की रिसायक्लेबल वेस्ट मैनेजमेंट प्रॉब्लम में एक सिस्टेमैटिक बदलाव" लाना है.  

कैसे काम करता है यह स्टार्टअप
स्क्रैपअंकल एक वेबसाइट और ऐप के माध्यम से स्क्रैप रीसाइक्लिंग सर्विसेज देता है. ग्राहक अपने घरों या कार्यालयों से स्क्रैप लेने के लिए ट्रेन्ड और वेरिफाइड एजेंटों को बुक कर सकते हैं. इस स्टार्टअप को शुरू किया है 25 साल के मुकुल छाबड़ा ने. 

मुकुल ने दावा किया कि ये एजेंट स्क्रैप का सटीक वजन करते हैं और इसके लिए सही पैसे देते हैं. स्टार्टअप अपनी वेबसाइट पर 'स्क्रैप आइटम्स के रिस्पॉन्सिबल रिसाइक्लिंग' का भी वादा करता है. शो में मुकुल ने कहा कि स्क्रैप का बिजनेस बहुत ही बिखरा हुआ जिससे सबको परेशानी होती है. इसलिए उन्होंने इसे ऑनलाइन करने की ठानी. पिछले दो सालों में स्क्रैपअंकल ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 22,000 से अधिक पिकअप पूरे किए हैं, और रीसाइक्लिंग के लिए 14 लाख किलोग्राम स्क्रैप भेजा है. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कबाड़खाने में मिला स्वर्ग 
दिल्ली में इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बीटेक ग्रेजुएट, मुकुल हमेशा से बिजनेस करना चाहते थे. ScrapUncle शुरू करने से पहले, उन्होंने 2017 में DroneMed की सह-स्थापना की. ड्रोनमेड मानव रहित हवाई वाहनों यानी ड्रोन के क्षेत्र में एक स्टार्टअप था. इसे डीएसटी, टाटा ट्रस्ट्स, भारतीय वायु सेना आदि जैसे संगठनों से ₹10 लाख के अनुदान सहित विभिन्न पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त हुईं, लेकिन स्टार्टअप को बंद करना पड़ा. 

मुकुल ने शो में बताया कि उन्हें बचपन से ही रोबोटिक्स में दिलचस्पी थी। उनके मामा कबाड़ी के व्यवसायी हैं और वह उनके कबाड़खाने में जाते थे ताकि अपने रोबोट प्रोजेक्ट्स के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक टूल मिल जाए. यह जगह उनके लिए स्वर्ग से कम नहीं थी. और जब उन्हें इस सेक्टर की अच्छी संझ हो गई तो उन्होंने इसमें काम करना शुरू किया. 

कोविड में बढ़ा उनका बिजनेस 
आम तौर पर, एक स्क्रैप डीलर मासिक आधार पर 30,000-35,000 रुपये कमाता है, लेकिन स्क्रैपअंकल कलेक्शन पार्टनर 60,000-70,000 रुपये के बीच कहीं भी कमाते हैं. मुकुल के स्टार्टअप को कोलंबिया विश्वविद्यालय से ₹23 लाख का अनुदान भी मिला. 2019 में स्क्रैपअंकल अस्तित्व में आया और अगस्त 2020 में यह फुलटाइम ऑपरेशनल हुआ. 

वर्तमान में इसकी मासिक बिक्री ₹27.5 लाख है. छाबड़ा ने दावा किया कि कोविड के दौरान व्यवसाय 4 गुना बढ़ गया - क्योंकि बहुत से लोगों ने घरों से कबाड़े को हटाकर इसे हल्का किया. इसने FY21 में ₹35 लाख और FY22 में ₹1.48 करोड़ की सालाना बिक्री हासिल की. 

मिली 60 लाख की फंडिंग
शार्क टैंक में सभी लोग उनसे प्रभावित हुए. हालांकि, BoAt के सह-संस्थापक, अमन गुप्ता ने निवेश नहीं किया और नमिता भी निवेश करने से पीछए हट गईं. लेकिन मुकुल के जुनून और स्पष्टता से प्रभावित होकर, शुगर कॉस्मेटिक्स की कोफाउंडर विनीता सिंह ने पहली पेशकश की - ₹5% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए ₹30 लाख, और ₹30 लाख 12% ब्याज दर पर कर्ज में. इससे उन्होंने कंपनी का मूल्यांकन ₹6 करोड़ किया. 

हालांकि, कारदेखो के सह-संस्थापक अमित जैन ने कार स्क्रैपिंग के लिए उभरते बाजार पर प्रकाश डाला और सिंह के समान मूल्यांकन पर एक प्रस्ताव दिया, लेकिन लोन के बिना - 10% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए ₹60 लाख. Shaadi.com के संस्थापक अनुपम मित्तल ने 8% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए ₹60 लाख का प्रस्ताव दिया तो अमित ने ₹7% इक्विटी के लिए 60 लाख का प्रस्ताव दिया. हालांकि, आखिर में मुकुल को अमित जैन से 5% इक्विटी के लिए ₹60 लाख रुपए की फंडिंग मिली.