scorecardresearch

Dilli Bazaar Portal: जल्द आ सकता है दिल्ली बाजार प्लेटफॉर्म, बिजनेस करने वालों के लिए है फायदेमंद, मिलेंगी ये सुविधाएं

दिल्ली सरकार जल्द Dilli Bazaar Portal लॉन्च करने वाली है जो हजारों व्यापारियों को अपने उत्पादों को होस्ट करने और ग्राहकों को डिजिटल खरीदारी का अनुभव करने की सुविधा देगा. दिल्ली बज़ार प्लेटफॉर्म में 10,000 विक्रेता शामिल होंगे.

Representational Image Representational Image
हाइलाइट्स
  • शहर के उद्यमों को मिलेगी मदद 

  • बाजारों और दुकानों को किया जाएगा जियो-टैग 

दिल्ली सरकार के जल्द ही एक ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म, 'दिल्ली बाजार' लाने जा रही है. पिछले साल के रोज़गार बजट के तहत प्रस्तावित, बाज़ार नीति का उद्देश्य एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करना है जो दिल्ली में विक्रेताओं को अपने  उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने और ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा. सरकार के अधिकारियों ने कहा कि लॉन्च के समय 10,000 विक्रेताओं को शामिल करने की योजना है. 

इस साल उद्योग विभाग द्वारा तैयार किए गए एक कैबिनेट नोट के अनुसार, 'दिल्ली बाजार' की प्रमुख विशेषताओं में अंग्रेजी और हिंदी में एक विशेष लिस्टिंग प्लेटफॉर्म के साथ-साथ एक ऐप भी शामिल होगा. विक्रेताओं को जोड़ने के लिए 50% सब्सिडी इंसेंटिव भी दिया जाएगा. 

शहर के उद्यमों को मिलेगी मदद 
कैबिनेट नोट के अनुसार, यह योजना तीन साल (विस्तार के अधीन) के लिए एक मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर (MSP) का चयन करने और संलग्न करने की है. यह ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस MSP का ऐप होगा, जिसमें शहर के व्यवसायों को सपोर्ट देने के लिए दिल्ली सरकार के साथ एक विशेष व्यवस्था होगी, लिस्टिंग प्लेटफॉर्म को MSP डिजाइन और विकसित करेगा. 

MSP को दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, RFP (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) के माध्यम से नियुक्त करेगा. अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद विक्रेताओं को लिस्टिंग प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया जाएगा. फिर कोई भी उनकी प्रोफ़ाइल, उत्पाद, कैटलॉग (चित्र/वीडियो) देख सकता है. साथ ही, उनका कॉन्टेक्ट, लॉकेशन, और सेलर यूपीआई भी इस प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध होगा. 

बाजारों और दुकानों को किया जाएगा जियो-टैग 
इस प्लेटफॉर्म में उत्पाद, स्थान, श्रेणी, बाज़ार और दुकानों जैसे टैग का उपयोग करके एडवांस सर्च की जा सकती है और यह लिस्टिंग अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध होगी. इसके अलावा, प्लेटफ़ॉर्म के ऑनलाइन मैपिंग फीचर्स यूजर्स को दिल्ली में कहीं से भी प्रतिष्ठित बाजारों और दुकानों की पहचान करने में मदद करेंगे. 

सभी बाजारों और दुकानों को जियो-टैग किया जाएगा. पर्यटक और खरीदार बाजार, दुकान और उत्पाद की प्राथमिकता के अनुसार अपने खरीदारी की योजना बना सकते हैं क्योंकि इसमें नजदीकी मेट्रो स्टेशनों, रेस्तरां आदि जैसे विवरण भी शामिल होंगे. अधिकारियों का कहना है कि विक्रेता की प्रोफ़ाइल को संबंधित बाजार संघों, आरडब्ल्यूए और गवर्निंग बॉडीज वेरिफाई करेंगी. 

50% सब्सिडी देने का प्लान 
शुरुआती चरण में विक्रेताओं को प्रोत्साहन देने के लिए, दिल्ली सरकार प्लेटफॉर्म पर अनुबंध दिए जाने से दो साल के लिए हैंडहोल्डिंग फीस में "50%" सब्सिडी की योजना बना रही है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार विक्रेताओं को पैकेज भी देगी. पहला एक बुनियादी पैकेज होगा, जहां विक्रेता एमएसपी की मदद के बिना पोर्टल पर दी गई सिस्टम फंक्शनलिटी का इस्तेमाल करके खुद को ऑनबोर्ड कर सकता है. 

दूसरा, एक 'ई-कॉमर्स पैकेज' होगा जहां सरकार दो साल तक प्लेटफॉर्म पर शामिल विक्रेताओं के लिए हैंडहोल्डिंग फीस की कुल लागत की 50% सब्सिडी वहन करेगी. सरकार सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से सेलर्स को यह अमाउंट वापस देगी. हालांकि, पैकेज की अवधि पूरी होने के बाद, विक्रेताओं को पूरे हैंडलिंग शुल्क का भुगतान करना होगा.

योजना पर खर्च होंगे 70 करोड़
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और तीन वर्षों में शुरुआती खर्च 70 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है - जिसमें डिजाइन और विकास शुल्क का भुगतान और विक्रेताओं को आवंटित सब्सिडी भी शामिल है. प्रस्तावित वार्षिक सब्सिडी (विक्रेता हैंड-होल्डिंग फीस) पर 2 साल की अवधि के लिए लगभग 55 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.