आने वाले साल में हो सकता है आपको भारत में बनें लैपटॉप इस्तेमाल करने को मिलें. फॉक्सकॉन ग्रुप (Foxconn Group),एचपी (HP),डेल (Dell)और लेनोवो (Lenovo)जैसे बड़े नामों सहित 32 कंपनियों ने लैपटॉप, पीसी और सर्वर के निर्माण के लिए 17,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव आईटी हार्डवेयर योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल (Apple) शामिल नहीं है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (30 अगस्त) को इसकी जानकारी दी. केंद्र सरकार अपने मेक इन इंडिया इनीशिएटिव के तहत डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ावा देने पर लगातार जोर दे रही है. इसी के तहत कई ग्लोबल कंपनियों ने या तो अपनी खुद की यूनिट्स लगाई हैं या फिर भारतीय कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर्स बनाए हैं.
कितना होगा उत्पादन
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों ने मई में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हार्डवेयर के लिए अनाउंस किए गए 2 बिलियन डॉलर वाले प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) प्रोग्राम के तहत अप्लाई किया है. आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस को कवर करता है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये सभी कंपनियां भारत में प्रोडक्शन और सप्लाई चेन को स्थानीय तौर पर डेवलप करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम PLI स्कीम की अवधि के दौरान 3,35,000 करोड़ रुपये के उत्पादन की उम्मीद करते हैं. PLI साइकिल के पहले एक से डेढ़ साल में निवेश 2,430 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है. वहीं, इससे सीधे तौर पर 75,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.
भारत इस समय ग्लोबल आईटी कंपनियों और इलेक्ट्रॉनिक्स खिलाड़ियों को नई पॉलिसी और इन्सेंटिव स्कीम देकर लुभा रहा है, जिससे खुद को हाई-टेक विनिर्माण के लिए वैश्विक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है. वैष्णव ने कहा कि 32 कंपनियों ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन किया है "जो एक बहुत अच्छी प्रतिक्रिया है, हमारी अपेक्षा से कहीं अधिक". फॉक्सकॉन ग्रुप, एचपी, डेल और लेनोवो ने भी इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत आवेदन किया है.
क्या है मकसद ?
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में पिछले 8 वर्षों में 17 प्रतिशत कंपाउंडेड वार्षिक वृद्धि दर के साथ लगातार वृद्धि देखी गई है. इस वर्ष इसने उत्पादन में एक प्रमुख बेंचमार्क 105 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये) को पार कर लिया. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है. मोबाइल फोन का निर्यात इस साल 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) रहा जोकि एक मील का पत्थर साबित हुआ. IT हार्डवेयर के लिए PLI स्कीम को इस साल मई में 17,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ नोटिफाई किया गया था. इसका मकसद लैपटॉप, सर्वर की स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है. खास फोकस, स्थानीय तौर पर लैपटॉप और टैबलेट बनाने पर है.
बता दें कि 1 अगस्त को सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और समान डिवाइसेस के आयात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन, इसे तीन महीने के लिए यानी 31 अक्टूबर तक लागू करना टाल दिया था. मंत्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारत एक विश्वसनीय सप्लाई चेन पार्टनर और वैल्यू एडेड पार्टनर के रूप में उभर रहा है. कंपनियां विनिर्माण और डिजाइन कार्य के लिए भारत आकर खुश हैं."