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Digital Bharat Nidhi: अब और भी बेहतर होगी गांवों में फोन कनेक्टिविटी, डिजिटल भारत निधि के रूप में हो रहा नया प्रयास

डिजिटल भारत निधि की शुरुआत के साथ, सरकार का लक्ष्य नेटवर्क कनेक्टिविटी को और भी बढ़ाना है. इस नए ढांचे को USOF के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिजाइन किया गया है.

Digital Bharat Nidhi (Representative Images) Digital Bharat Nidhi (Representative Images)
हाइलाइट्स
  • USOF से डिजिटल भारत निधि तक का सफर किया तय

  • डिजिटल भारत निधि के रूप में हो रहा नया प्रयास

भारत के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में टेलीकॉम कनेक्टिविटी बेहतर करने पर काम चल रहा है. अब इसी कड़ी में टेलीकॉम विभाग (DoT) डिजिटल भारत निधि (DBN) शुरू करने जा रहा है. इसका ड्राफ्ट भी जारी कर दिया गया है. इस पहल का उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटना और पूरे देश में टेलीकॉम सर्विस तक समान पहुंच देना है. 

USOF से डिजिटल भारत निधि तक का सफर 
हालांकि, इससे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF ) शुरू किया जा चुका है. लेकिन अब डिजिटल भारत निधि इसे बदलने के लिए तैयार है. ये एक तरह का फंड था जिसे 2003 में स्थापित किया गया था. USOF का शुरुआती लक्ष्य उन क्षेत्रों में टेलीकॉम नेटवर्क को बढ़ाना था जहां प्राइवेट कंपनियों नहीं जाती थीं. पिछले कुछ सालों में, USOF ने दूरदराज वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. लेकिन इसे कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है.

अब डिजिटल भारत निधि की शुरुआत के साथ, सरकार का लक्ष्य नेटवर्क कनेक्टिविटी को और भी बढ़ाना है. इस नए ढांचे को USOF के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिजाइन किया गया है.

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डिजिटल भारत निधि कैसे काम करेगी?
टेलीकॉम एक्ट के तहत, डिजिटल भारत निधि के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने जो योगदान दिया है वो सबसे पहले भारत के कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया (CFI) में जमा किया जाएगा. सीएफआई रेवेन्यू, टैक्स, लोन और रीपेमेंट के लिए एक सेंट्रल रिपॉजिटरी है. यह वह सोर्स भी है जिससे सरकार अपने व्यय को पूरा करती है. इस फंड को समय-समय पर डिजिटल भारत निधि में ट्रांसफर किया जा सकेगा. 

जैसे-जैसे अब भारत अपने डिजिटल भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, डिजिटल भारत निधि जैसी पहल यह सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाएगी कि कनेक्टिविटी का फायदा देश के हर कोने तक पहुंचे. समुदायों को सशक्त बनाया जाए और किसी को फोन की कनेक्टिविटी को लेकर परेशान न होना पड़े.