
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नए रिसिप्रोकल टैरिफ प्लान (Tarrif Plan) को लेकर पूरी दुनिया चिंता में है. ट्रंप ने अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर 2 अप्रैल से नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है. अब सभी का ध्यान इसी पर है कि आखिर इन टैरिफ के प्रभाव से कैसे बचा जाए या इनका कितना प्रभाव भारतीय बाजार पर पड़ने वाला है. हालांकि, बड़ा सवाल यह भी है कि क्या ट्रंप वाकई इस फैसले को लागू करेंगे या फिर भारत से व्यापार समझौते के चलते इस पर रोक लग सकती है?
क्या है ट्रंप का 'रिसिप्रोकल ट्रेड और टैरिफ प्लान'?
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका पर दूसरे देश ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका कम शुल्क लेता है. इसी असंतुलन को सुधारने के लिए उन्होंने यह नया प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत, अमेरिका उन देशों पर टैरिफ बढ़ा सकता है जिनके साथ उसका व्यापार घाटा (Trade Deficit) अधिक है. ट्रंप के मुताबिक, अमेरिका का यह घाटा 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जो वहां के उद्योग और मजदूरों के लिए बड़ा नुकसान है.
भारत-अमेरिका व्यापार पर इसका असर कितना होगा?
2021-22 से 2023-24 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका भारत के कुल निर्यात का 18% हिस्सा खरीदता है. वहीं भारत अमेरिका से 6.22% सामान आयात करता है. दोनों देशों का कुल द्विपक्षीय व्यापार 10.73% पर है.
अमेरिका को भारत का निर्यात अमेरिका के लिए सरप्लस (Surplus) में है. 2023-24 में यह 35.32 अरब डॉलर का था. 2022-23 में यह 27.7 अरब डॉलर था. 2021-22 में यह 32.85 अरब डॉलर था.
इसका मतलब यह है कि भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेचता है, जबकि अमेरिका भारत से कम खरीदता है. यही वजह है कि ट्रंप इस व्यापार संतुलन को बदलना चाहते हैं.
किन भारतीय उत्पादों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
अमेरिका किन भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगाएगा, यह अभी साफ नहीं हुआ है. लेकिन अगर यह टैरिफ लागू होते हैं, तो सबसे ज्यादा असर इन सेक्टर्स पर पड़ सकता है:
1. कृषि उत्पाद (Agricultural Products)
भारत के लिए सबसे बड़ा झटका मछली, मांस और समुद्री खाद्य (Seafood) निर्यात में लगेगा. भारत अमेरिका को 2.58 अरब डॉलर का समुद्री खाद्य निर्यात करता है. इस पर 27.83% तक नया टैरिफ लग सकता है. भारतीय झींगा (Shrimp) अब अधिक महंगा हो जाएगा, जिससे उसकी बिक्री घट सकती है.
इसके अलावा, शक्कर, प्रोसेस्ड फूड और कोको (Processed Food, Sugar & Cocoa) पर 24.99% टैरिफ का अनुमान है, जिससे भारतीय मिठाइयां और स्नैक्स अमेरिका में महंगे हो जाएंगे.
2. फार्मा सेक्टर (Pharmaceuticals)
भारत से अमेरिका को दवाओं का निर्यात 12.72 अरब डॉलर का है. इस पर 10.90% टैरिफ बढ़ने की आशंका है. इससे भारतीय सस्ती दवाओं की कीमत बढ़ेगी और अमेरिका में उनकी बिक्री पर असर पड़ सकता है.
3. हीरा और गहने (Jewellery & Diamonds)
भारत से अमेरिका को 11.88 अरब डॉलर का सोना, चांदी और हीरा निर्यात होता है. पर 13.32% टैरिफ लगाया जा सकता है. इससे भारतीय सोने-चांदी के आभूषण अमेरिका में महंगे हो जाएंगे.
4. टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स (Technology & Electronics)
भारत अमेरिका को 14.39 अरब डॉलर के मोबाइल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचता है. इस पर 7.24% टैरिफ बढ़ने की आशंका है. इससे आईफोन और अन्य मोबाइल डिवाइसेज महंगे हो सकते हैं.
5. कपड़ा और फैशन (Textile & Clothing)
भारत से अमेरिका को 4.93 अरब डॉलर का कपड़ा निर्यात होता है. हालांकि इस पर फिलहाल कोई अलग से टैरिफ नहीं लगेगा, क्योंकि अमेरिका पहले से ज्यादा टैक्स लेता है.
क्या इन टैरिफ से भारत को बड़ा नुकसान होगा?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो एक्सपर्ट का कहना है कि इन टैरिफ का भारत पर मिश्रित असर पड़ेगा. कुछ उत्पादों पर नए टैरिफ से भारतीय निर्यात महंगा होगा, जिससे बिक्री कम हो सकती है. लेकिन कुछ सेक्टर जैसे गर्मेंट्स और पेट्रोलियम पर अमेरिका पहले ही ज्यादा टैरिफ लेता है, इसलिए इन पर असर नहीं होगा.
क्या भारत इसका जवाब देगा?
कहा जा रहा है कि अगर अमेरिका भारत पर अधिक टैरिफ लगाता है, तो भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा सकता है. भारत अमेरिकी फार्म उत्पादों जैसे बादाम, अखरोट और सोयाबीन पर ज्यादा टैक्स लगा सकता है. भारत में अमेरिका से आयात होने वाले व्हिस्की और वाइन पहले से ही 122.10% टैरिफ के दायरे में हैं.
फिलहाल, अमेरिकी उद्योग जगत और भारत के व्यापार विशेषज्ञ इस बात की संभावना जता रहे हैं कि अमेरिका भारत को कुछ रियायत दे सकता है.
भारत अमेरिका के लिए एक अहम व्यापारिक भागीदार है, और दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है.