पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश किया जा रहा है. भारतीयों में भी क्रिप्टो का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है. और यही कारण है कि लगातार इंवेस्टर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन अब केंद्र सरकार भी इसे लेकर गहन विचार- विमर्श कर रही है. जल्द ही इसके लिए एक बिल भी लाया जा रहा है. आने वाले बजट 2022 में डिजिटल करेंसी को लेकर बिल के आने की उम्मीद लगाई जा रही है.
हालांकि, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट के दौरान क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर भी भारी-भरकम टैक्स लगाया जा सकता है.
अगले महीने पेश होगा बजट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी कई घोषणाएं की जा सकती हैं. दरअसल, अब लगातार क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लोग इसमें निवेश और ट्रेडिंग कर रहे हैं, और यही वजह है कि केंद्र सरकार इससे होने वाली इनकम पर टैक्स को परिभाषित करना चाहती है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस पर लम्बे समय से विचार-विमर्श कर रही है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम को कारोबारी इनकम में रखा जाए या फिर कैपिटल गेन के तौर पर.
क्या है बिल में शामिल?
दरअसल, ये नया बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों की वजह से इसे पेश नहीं किया जा सका. इस नए बिल में क्रिप्टोकरेंसी को एक कमोडिटी के तौर पर मानने और वर्चुअल करेंसी को उनके इस्तेमाल के आधार पर अलग-अलग नजरिए से देखने का प्रावधान शामिल है. अब कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स पर भारी टैक्स बढ़ने वाला है.
इसके अनुसार, क्रिप्टो एसेट्स पर इनकम टैक्स स्लैब को 35 प्रतिशत से लेकर 42 प्रतिशत के बीच रखा जा सकता है.
फाइनेंशियल रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकर्रेंसी में इन्वेस्टमेंट बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. नैसकॉम और वजीरएक्स के हालिया अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में, भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है.
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