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Economic Survey 2021-22: जानिये क्या है आर्थिक सर्वेक्षण और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें

आर्थिक सर्वेक्षण देश के साल भर का रिपोर्ट कार्ड होता है जो कि बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण के जरिये देश के हर सेक्टर के परफॉर्मेंस का पता चलता है और इससे भविष्य के लिए योजना तैयार करने में मदद मिलती है. किस सेक्टर में अधिक उछाल आया या फिर कौन सा सेक्टर मंद रहा, किस सेक्टर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, यह आर्थिक सर्वेक्षण से ही पता चलता है.

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हाइलाइट्स
  • बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है आर्थिक सर्वेक्षण

  • देश में साल भर के वित्तीय हालात का लेखा-जोखा होता है

  • वित्तीय हालात को समझने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी. बजट से ठीक एक दिन पहले यानि आज सदन में आर्थिक सर्वेक्षण(Economic Survey) पेश किया जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू होगा. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. आखिर ये आर्थिक सर्वेक्षण क्या है और यह क्यों जरूरी है? इसे सदन में क्यों पेश किया जाता है? आइये इसे विस्तार से समझते हैं.

क्या है आर्थिक सर्वेक्षण?
इकोनॉमिक सर्वे यानि की आर्थिक सर्वेक्षण देश के साल भर का रिपोर्ट कार्ड होता है जो कि बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण के जरिये देश के हर सेक्टर के परफॉर्मेंस का पता चलता है और इससे भविष्य के लिए योजना तैयार करने में मदद मिलती है. किस सेक्टर में अधिक उछाल आया या फिर कौन सा सेक्टर मंद रहा, किस सेक्टर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, यह आर्थिक सर्वेक्षण से ही पता चलता है. आसान भाषा में कहा जाए तो ये आपके स्कूल के रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है जिसमें अलग-अलग विषयों में कितने नंबर मिले हैं और किन विषयों पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है, इसी तरह है. आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का प्रमुख वार्षिक दस्तावेज होता है.

देश में पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. साल 1964 से पहले तक इसे केंद्रीय बजट के साथ पेश किया जाता था. 1964 से इसे बजट से अलग कर दिया गया और बजट से ठीक एक दिन पहले यह सदन में पेश किया जाता है.

आर्थिक सर्वेक्षण के दो पार्ट होते हैं. पहले हिस्से में देश में सामने आर्थिक चुनौतियां शामिल हैं. दूसरे हिस्से में बीते हुए साल का आर्थिक विश्लेषण होता है. सभी सर्वेक्षण की एक थीम होती है. पिछले साल यह थीम जीवन और आजीविका बचाने का था. 2017-18 में आर्थिक सर्वेक्षण गुलाबी(Pink) था क्योंकि यह महिला सशक्तिकरण(women empowerment) पर आधारित था.

आर्थिक सर्वेक्षण महत्वपूर्ण क्यों है?
आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वित्तीय वर्ष में सभी क्षेत्रों-औद्योगिक, कृषि, औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमत, निर्यात, आदि की विस्तृत जानकारी देता है जिससे भारत के आर्थिक विकास की समीक्षा आसानी से की जा सकती है. इस सर्वेक्षण से हमें यह भी जानकारी मिलती है कि देश में अगले वित्तीय वर्ष में किस सेक्टर को प्राथमिकता और किस पर अधिक जोर देने की जरूरत है. आने वाला बजट कैसा होना चाहिए इसे हम आर्थिक सर्वेक्षण से समझ सकते हैं.

आर्थिक सर्वे कौन तैयार करते हैं?
आर्थिक सर्वेक्षण देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की गाइडेंस में तैयार किया जाता है. इसे आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिविजन की तरफ से तैयार किया जाता है. इस साल मुख्य आर्थिक सलाहकार की अनुपस्थिति में प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों की तरफ से यह सर्वेक्षण तैयार किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करने से कुछ ही दिन पहले सरकार ने अर्थशास्त्री वी अनंत नागेश्वरन को नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है.