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EPFO का बड़ा फैसला, बढ़ गई अधिक पेंशन के लिए आवेदन की डेडलाइन

एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) के तहत अधिक पेंशन के लिए आवेदन की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. पहले हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए एलिजिबल मेंबर्स को एंप्लॉयर्स के साथ संयुक्त रूप से आवेदन करने के लिए 3 मार्च 2023 तक का समय दिया गया था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 3 मई 2023 कर दिया गया है.

EPFO का बड़ा फैसला EPFO का बड़ा फैसला
हाइलाइट्स
  • EPFO ने वेबसाइट पर दी जानकारी

  • 3 मई तक उठा सकते हैं स्कीम का लाभ

कर्मचारियों के लिए जरूरी सूचना, जो कर्मचारी 1 सितंबर 2014 से पहले नौकरी में थे और 1 सितंबर 2014 को या उसके बाद भी सेवा में बने रहे, लेकिन किसी कारण से कर्मचारी पेंशन योजना के तहत संयुक्त विकल्प का चुन नहीं सके वे अब 3 मई 2023 तक इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं.

EPFO ने वेबसाइट पर दी जानकारी
EPFO ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इस बात की जानकारी साझा की है. ईपीएफओ ने कहा है कि जॉइंट ऑप्शन फाइल करने के लिए ऑनलाइन सुविधा जल्द ही आ रही है. इससे पहले माना जा रहा था कि 3 मार्च, 2023 उच्च पेंशन का विकल्प चुनने की अंतिम तारीख है.

आपको बता दें कि कर्मचारी और नियोक्ता दोनों कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि या ईपीएफ में योगदान करते हैं. कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ में जाता है, जबकि नियोक्ता का 12 प्रतिशत योगदान ईपीएफ में 3.67 प्रतिशत और ईपीएस में 8.33 प्रतिशत के रूप में विभाजित किया जाता है. इसके अलावा भारत सरकार एक कर्मचारी की पेंशन में 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.

क्या है हायर पेंशन का मामला
एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के तहत अभी 15 हजार रुपए तक की सैलरी के हिसाब से कॉन्ट्रिब्यूशन तय होता है यानी कि बेसिक सैलरी 50 हजार रुपए हो जाए तो भी ईपीएस में कॉन्ट्रिब्यूशन 15 हजार रुपए से ही तय होगा. जिस कारण ईपीएस में काफी कम पैसे जमा हो पाते थे, यानी की पेंशन काफी कम बन पाती थी. लेकिन अब इस लिमिट को बढ़ा दिया गया है.

पिछले साल 4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 1 सितंबर 2014 को ईपीएफओ के सदस्य भी इस हायर पेंशन विकल्प का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए कोर्ट ने ईपीएफओ को चार महीने का समय देने को कहा था यानी 3 मार्च 2023 तक. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ ने 20 फरवरी 2023 को एक सर्कुलर जारी कर अधिकतम 15 हजार रुपये की सैलरी के 8.33 फीसदी के डिडक्शन की बजाय कर्मचारियों के बेसिक सैलरी के आधार पर करने का प्रावधान किया.

क्या है पूरा प्रोसेस?
एलिजिबल ईपीएस मेंबर को नजदीकी लोकल ईपीएफओ ऑफिस जाकर एप्लीकेशन भरना होगा. इसके अलावा जरूरी दस्तावेज सबमिट करने होंगे. वैलिडेशन के लिए एप्लीकेशन फॉर्म में पिछले सरकारी नोटिफिकेशन में दिए गए आदेश के अनुसार डिस्क्लेमर में शामिल होना चाहिए. हर एप्लिकेशन का आंकड़ा डिजिटल होगा और आवेदकों को एक रिसीट नंबर दिया जाएगा. 

हायर पेंशन के आवेदनों की जांच के बाद जो भी फैसला होगा, उसे एप्लीकेंट्स को ई-मेल या पोस्ट और एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा. ईपीएफओ के आदेश के मुताबिक ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म को दाखिल करने के बाद और ड्यू कॉन्ट्रिब्यूशन के पेमेंट को लेकर कोई शिकायत है तो शिकायतों के निपटारे को पोर्टल EPFiGMS पर शिकायत कर सकते हैं.