कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने नागरिकों की सहूलियत और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं निकाली थीं. पर इन दिनों संक्रमण के मामलों में आयी गिरावट को देखते हुए महामारी से राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को झटका देते हुए सरकार कर्मचारियों के लिए दो साल से चल रही कोविड-19 राहत योजना को मार्च में बंद करने जा रही है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने इस योजना को 24 मार्च 2020 से दो साल के लिए लागू किया था, ऐसे में मार्च 2022 में इसके दो साल पूरे हो जाएंगे. जिसके बाद सरकार ने इसे आगे जारी नहीं रखने का फैसला लिया है.
कर्मचारी चाहते थे योजना को आगे बढ़ाना
हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम में ESIC की गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई. बैठक के एजेंडा में ईएसआईसी की कोविड से जुड़ी राहत योजनाओं को एक साल के लिए और बढ़ाना शामिल था. बैठक में श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कोरोना के हालात अब कंट्रोल में हैं. ऐसे में कोविड राहत योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है. बैठक में श्रम मंत्री ने कहा कि ईएसआईसी अस्पतालों की ओर से श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच जारी रहेगी और फैक्ट्रियों-एमएसएमई क्लस्टर को एक यूनिट की तरह माना जाएगा.
हालांकि, कर्मचारी संगठन चाहते थे कि इस योजना को आगे बढ़ाया जाए. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कोरोना के मामले अभी भी सामने या रहे हैं, खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. लेकिन ESIC की गवर्निंग बॉडी की बैठक में श्रम मंत्री ने योजना को आगे बढ़ाने से यह कहकर इनकार कर दिया कि अब कोरोना का खतरा ज्यादा नहीं है.
क्या है कोविड राहत योजना?
कोविड राहत योजना के तहत ईएसआईसी के दायरे में आने वाले रजिस्टर्ड कर्मचारी की कोविड संक्रमण से मौत होने पर उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना के तहत परिवार को कम से कम 1800 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जाती है. इस धनराशि का भुगतान सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में किया जाता है. हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी का 3 महीने पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और 70 दिनों का मिनिमम कॉनट्रिब्यूशन होना चाहिए. इसके अलावा कोविड राहत योजना के तहत कोविड के उपचार के दौरान दैनिक औसत वेतन का 70 प्रतिशत बीमारी लाभ के तौर पर मिलता है. एक साल में अधिकतम 91 दिनों के लिए बीमारी लाभ मिलता है.
ईएसआईसी के नियम के तहत जीवनसाथी, वैध या गोद लिया बेटा जिसकी उम्र 25 साल से कम हो, अविवाहित वैध या गोद ली हुई बेटी और विधवा मां वित्तीय सहायता के लिए पात्र होते हैं. मृत कर्मचारी के दैनिक औसत वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर धनराशि उसके आश्रितों को दी जाती है.