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बदलने वाला है Credit Card Bill पेमेंट का तरीका, लागू होने जा रहे हैं RBI के नियम 

नए रेगुलेशन को लेकर आखिरी तारीख 1 जुलाई की दी गई है. उसके बाद से सभी को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के माध्यम से बिलिंग करनी होगी. बता दें, क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 34 बैंकों में से केवल आठ ने नए रेगुलेशन का पालन किया है.

Credit Card (Photo: Social Media) Credit Card (Photo: Social Media)
हाइलाइट्स
  • प्रमुख बैंक पिछड़ रहे हैं

  • सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है कदम 

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के तरीके बदलने वाले हैं. 1 जुलाई, 2024 से, सभी क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के माध्यम से किए जाने चाहिए. इसका मकसद पेमेंट के प्रोसेस को सुव्यवस्थित करना और इसकी सुरक्षा बढ़ाना है. इससे क्रेडिट, फोनपे, बिलडेस्क और इनबीम एवेन्यूज जैसे फिनटेक स्टार्टअप के लिए बड़ी परेशानी खड़े होने वाली है. नए रेगुलेशन को लेकर आखिरी तारीख 1 जुलाई की दी गई है. उसके बाद से सभी को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के माध्यम से बिलिंग करनी होगी. 

प्रमुख बैंक पिछड़ रहे हैं

डेडलाइन के बावजूद भी भारत के कुछ क्रेडिट कार्ड जारी करने अभी तक बीबीपीएस के साथ एकीकृत नहीं हुए हैं. इसमें एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक जैसे बड़े-बड़े बैंक शामिल हैं. इनके पास सामूहिक रूप से 5.1 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड हैं. बीबीपीएस एकीकरण को एक्टिव करने में उनकी देरी न केवल बैंकों के लिए बल्कि क्रेडिट कार्ड पेमेंट प्रोसेसिंग पर निर्भर फिनटेक प्लेटफार्मों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी है.

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द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 34 बैंकों में से केवल आठ ने नए रेगुलेशन का पालन किया है. इनमें एसबीआई कार्ड, बीओबी कार्ड, कोटक महिंद्रा बैंक, फेडरल बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल हैं. 

सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है कदम 

आरबीआई का ये आदेश भारत के पेमेंट सिस्टम को और सुरक्षित करने के लिए दिया गया है. नेशनल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की देखरेख में BBPS का लक्ष्य अलग-अलग पेमेंट सर्विस के लिए एक ही प्लेटफॉर्म बनाना है. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पेनियरबाई के को-फाउंडर, यशवंत लोढ़ा ने इस कदम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “BBPS के माध्यम से सभी क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट को एक जैसा करने के लिए आरबीआई का हालिया निर्देश दिया गया है. इससे इस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा बढ़ेगी.” 

फोनपे, क्रेड जैसे प्लेटफार्म को हो सकती है दिक्कत 

हालांकि, पेमेंट इंडस्ट्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समय सीमा को 90 दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है. पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने औपचारिक रूप से इस मामले पर आरबीआई को याचिका दी है, और हालांकि इसपर निर्णय लेना अभी भी रुका हुआ है. अगर प्रमुख बैंक तुरंत इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो फोनपे, क्रेड जैसे प्लेटफार्मों पर ट्रांजेक्शन की मात्रा में गिरावट देखी जा सकती है.