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Polyhouse Farming: किसान भाई... मिर्च और टमाटर की इस तकनीक से खेती करके देखिए... एक साल में हो जाएंगे लखपति 

Polyhouse Farming: यदि आप खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं और आपको इसमें फायदा नहीं हो रहा है तो हम आपको एक ऐसी तकनीक के बारे में बता रहे हैं, जिसे अपनाकर आप साल में लाखों रुपए कमा सकते हैं. इस तकनीक से मिर्च और टमाटर की खेती कर मध्य प्रदेश के एक किसान मालामाल हो गए हैं.

Polyhouse Farming Polyhouse Farming
हाइलाइट्स
  • पॉलीहाउस फार्मिंग से होती है बंपर पैदवार

  • किसान इस तकनीक से खेती कर बढ़ा सकते हैं आमदनी  

Cultivation of Chilli and Tomato: खेती-किसानी से भी आपका लखपति बनने का सपाना पूरा हो सकता है. बस इसके लिए आपको पांरपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक तकनीक अपनानी होगी. आज के समय में कई अन्नदाता आधुनिक तकनीक से खेती कर बंपर पैदवार कर रहे हैं. इन फसलों को बेचकर हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं. 

आज हम आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे ही किसान की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिनकी पहले पारंपरिक तरीके से खेती करने के कारण अधिक कमाई नहीं होती थी. किसी तरह घर-परिवार चल पा रहा था. यह किसान काफी सोच में थे कि आमदनी बढ़ाने के लिए क्या करें. इसी बीच उन्हें पॉलीहाउस फार्मिंग (Polyhouse Farming) के बारे में पता चला. आज यह किसान भाई पॉलीहाउस में मिर्च और टमाटर की खेती कर साल में लाखों रुपए कमा रहे हैं. इस तरह इस किसान भाई की समाज में और क्षेत्र में काफी नाम हो गया है. कई किसान इनसे खेती के गुर सिखने आते हैं. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले स्थित सावदा गांव के किसान राकेश पाटीदार की.

परंपरागत खेती से नहीं हो रहा था लाभ
राकेश पाटीदार के मुताबिक जब उन्हें परंपरागत खेती करने से लाभ नहीं हो रहा था तो उन्होंने आधुनिक तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया. उन्होंने पॉलीहाउस तकनीक का लाभ उठाने के लिए उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया. किसान राकेश ने बताया कि आवश्यक शर्तें पूरी करने के बाद पॉलीहाउस बनाने के लिए उन्हें 16 लाख 88 हजार रुपए का अनुदान मिला.

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राकेश ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पॉलीहाउस में मिर्च और टमाटर की खेती करनी शुरू कर दी. आज के समय में वह उद्यानिकी फसलों की खेती करके एक साल में 14 लाख रुपए से ऊपर की शुद्ध कमाई कर रहे हैं. राकेश ने बताया कि आज उनकी बंपर कमाई देख क्षेत्र के कई अन्य किसान भी पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती कर खूब आमदनी कर रहे हैं. राकेश का कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर और आधुनिक तकनीक अपनाकर खेती को भी आमदनी का जरिया बनाया जा सकता है. 

इतने दिनों में टमाटर के पौधों में आने लगते हैं फल
राकेश पाटीदार ने बताया कि वह टमाटर की खेती साल में दो बार करते हैं. इसकी एक खेती जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक चलती है और दूसरी नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलती है. उन्होंने बताया कि टमाटर की खेती के लिए वह सबसे पहले बीजों से नर्सरी तैयार करते हैं. लगभग एक महीने में नर्सरी के पौधे खेतों में लगाने लायक हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि टमाटर के पौधों को लगाने के दो-तीन महीने में इनमें फल आने लगते हैं. 

हाइब्रिड मिर्च की ही करें बुआई
राकेश पाटीदार का कहना है कि मिर्च की कई अच्छी प्रजातियां बाजार में उपलब्ध हैं. हमें हाइब्रिड मिर्च की ही बुआई करनी चाहिए. यदि आप खुद मिर्च की नर्सरी नहीं तैयार कर रहे हैं तो अच्छी नर्सरी से मिर्च की फसल लेनी चाहिए. उन्होंने बताया कि क्यारियां बनाकर दो-दो फिट की दूरी पर मिर्च के पौधे लगाने चाहिए. दो बेड़ों के बीच दो से 3 फीट की दूरी रहनी चाहिए. जब जरूरत तब मिर्च की फसल की सिंचाई करनी चाहिए. जून से मार्च तक समय मिर्च की खेती के लिए काफी अच्छा होता है. इसके पौधे में 55 से 60 दिनों में फुल-फल आने लगते हैं.

क्या है पॉलीहाउस 
आपको मालूम हो कि पॉलीहाउस एक प्रकार का ग्रीन हाउस है, जहां पॉलीथीन को कवर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी संरचना स्टील से बनाई जाती है. इसके बाद इसे प्लास्टिक की शीट या हरी नेट से कवर किया जाता है. पॉलीहाउस फार्मिंग का फायदा यह है कि  इसमें किसान भाई मौसमी और बेमौसमी सब्जियों को उगा सकते हैं. इतना ही नहीं फसल में कीट लगने की संभवाना भी काफी कम होती है. पॉलीहाउस में सिर्फ गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट से अच्छी पैदवार की जा सकती है. पॉलीहाउस में उगाई गई फसलों पर मौसम का मार जैसे सर्दी, गर्मी, तेज हवा और भारी बारिश का भी असर नहीं पड़ता है.