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नए साल से Swiggy और Zomato से फूड डिलीवरी पड़ सकती है महंगी, जानें कितना बढ़ेगा टैक्स

हालांकि, ये जरूरी नहीं कि ये खबर ग्राहकों के लिए ही बुरी खबर हो क्योंकि नियम में बदलाव से जीएसटी-रजिस्टर्ड रेस्तरां से खाना ऑर्डर करने वाले कस्टमर पर कोई दूसरा टैक्स नहीं लगेगा. इसके बजाय ये कदम अनरजिस्टर्ड रेस्टोरेंट को टैक्स स्लैब के तहत लाएगा. इसलिए कोई जरूरी नहीं है कि फूड डिलीवरी महंगी हो जाये.

Food Delivery Food Delivery
हाइलाइट्स
  • 1 जनवरी, 2022 से होने वाली सभी डिलीवरी पर पांच प्रतिशत GST लगाया जाएगा

  • ग्राहकों को देना पड़ सकता है ये जीएसटी

अगर आप भी खाने की ऑनलाइन डिलीवरी करवाते हैं तो नए साल से आपको इसे मंगवाना महंगा पड़ सकता है. नए साल की शुरुआत जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसे डिलीवरी एप के खाने पर गुड एंड सर्विस टैक्स (GST) लगने वाला है. केंद्र सरकार इन फूड डिलीवरी एप्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने वाली है. इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में की थी. इन फूड डिलीवरी एप को रेस्तरां के रूप में माना जाएगा और 1 जनवरी, 2022 से होने वाली सभी डिलीवरी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा.

ग्राहकों को देना होगा ये जीएसटी 

आपको बता दें, इस नियम के आ जाने से एप उन रेस्टोरेंट के बजाय ग्राहकों से 5% जीएसटी लेंगे, जहां से वे खाना ऑर्डर कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा इन फूड डिलीवरी एप पर 5% जीएसटी लगाने का निर्णय उन रेस्टॉरेंट से टैक्स वसूलना है जो अभी तक रजिस्टर्ड नहीं हैं. इन अनरजिस्टर्ड रेस्टोरेंट द्वारा रिवेन्यू लीकेज को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है. 

हालांकि, ये जरूरी नहीं कि ये खबर ग्राहकों के लिए ही बुरी खबर हो क्योंकि नियम में बदलाव से जीएसटी-रजिस्टर्ड रेस्तरां से खाना ऑर्डर करने वाले कस्टमर पर कोई दूसरा टैक्स नहीं लगेगा. इसके बजाय ये कदम अनरजिस्टर्ड रेस्टोरेंट को टैक्स स्लैब के तहत लाएगा. इसलिए कोई जरूरी नहीं है कि फूड डिलीवरी महंगी हो जाये. 

अभी तक क्या नियम था?

आपको बता दें, इस नियम की घोषणा के समय वित्त मंत्रालय द्वारा कहा गया था कि इस नियम के आ जाने से ग्राहक टैक्स कलेक्शन का एक केंद्र बिंदु बन जायेगा. अब तक जीएसटी रिकॉर्ड में फूड एप्स को टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के रूप में रजिस्टर किया गया था. जीएसटी उन रेस्तरां पर लगाया गया था जिन्होंने इसे टैक्स कलेक्टर को जमा किया था. 

अब, ये टैक्स ग्राहकों से लिया जाएगा और एप द्वारा अथॉरिटीज को भुगतान किया जाएगा. अब तक रेस्टोरेंट मालिकों द्वारा टैक्स का भुगतान किया जा रहा था लेकिन अब एग्रीगेटर को भी 2022 से इसे देना होगा. 

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