केंद्र सरकार के मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी रह चुके राजीव महर्षि अब ‘Pickley–Taste of Dada’ ब्रांड के अचार को बनाकर बहुत सुर्खियां बटोर रहे हैं. पूर्व सीएजी और पूर्व गृह और वित्त सचिव राजीव महर्षि ने अचार बनाना शौकिया शुरू किया था, लेकिन अब वह उसे ही ब्रांड बना दिया है. राजस्थान के भरतपुर के मूल निवासी राजीव महर्षि 1978 बैच के आईएएस ऑफिसर है. राजीव महर्षि ने Pickley–Taste of Dada को लेकर कहा कि उन्होंने अचार बनाना शौकिया शुरू किया था. अचार बनाने के लिए उन्होंने किसी से भी किसी भी तरह की कोई रेसिपी नहीं सीखी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अचार लोगों के स्वाद के अनुसार बनाते है. वहीं अचार बनाने की पूरी रेसिपी उनकी ही है.
मार्केट से नहीं खरीदते मसाले
राजीव महर्षि ने GNT से एक्सक्लूसिव बातचीत में यह कहा कि हम जो अचार में मसाला इस्तेमाल करते हैं. वह मसाला मार्केट से नहीं खरीदते हैं, बल्कि सभी खड़े मसाले पहले अलग-अलग जगहों से मंगवाते हैं. उसके बाद अपने हाथों से मसाले को पीसते हैं, छानते है और फिर खुद उस मसाले का इस्तेमाल अपने अचार में करते हैं.
अचार में अनुमान से डालते सामग्री
राजीव महर्षि ने बताया कि जो अचार वह खुद बनाते हैं, उसमें ना के बराबर मिर्च होती है यानी आम नींबू अलग-अलग सब्जियों के जो अचार बनाते हैं. उसमें ओरिजिनल टेस्ट आ सके इसके लिए इस तरीके के तकनीक अपनाते हैं. राजीव महर्षि ने कहा कि मुझे नहीं पता कि अचार बनाते समय कितना नमक, मेथी दाना, सौंफ मिलाया जाना चाहिए, लेकिन मैं मात्रा का अनुमान लगाता हूं और यह अच्छी तरह से काम करता है. उन्होंने कहा कि भगवान की देन है, वो अंदाज हमेशा सही बैठा है, गलत कभी नहीं होता. इसको भगवान का दिया हुआ उपहार ही कहेंगे कि मेरा अनुमान कभी गलत नहीं होता.
होम सेक्रेटरी रहते हुए पत्रकारों को दी थी पार्टी
इस बातचीत के दौरान राजीव महर्षि ने उस बात को भी याद किया किया जब उन्होंने होम सेक्रेटरी रहते हुए पत्रकारों को नॉर्थ ब्लॉक के अपने रूम में पार्टी दी थी. उस पार्टी के दौरान उन्होंने कहा कि आप लोगों को भी हमने अपने हाथों का बना अचार खिलाया था. पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि 1990 से अचार बनाने का इंटरेस्ट रखते हैं. वह शौकिया तौर पर इस तरीके का अचार बनाते हैं. अब उन्होंने इसका ब्रांड नेम दे दिया है.
बिना प्याज या लहसुन के बना सकते है खाना
राजीव महर्षि ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि मैं शाकाहारी हूं. मैं बिना प्याज या लहसुन के खाना बना सकता हूं. मैं घरेलू मामलों और सरसों के तेल का उपयोग करता हूं. मैं भरतपुर से एक विशेष ब्रांड का सरसों का तेल खरीदता हूं. यह महंगा है लेकिन मैं केवल इस तेल का उपयोग अपने अचार बनाने में करता हूं.
(भरतपुर से जितेंद्र सिंह की रिपोर्ट)