कंसल्टिंग फर्म Boston Consulting Group और स्नैप चैट की पेरेंट कंपनी, स्नैप इंक की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जनरेशन जेड आने वाले समय में देश के इकॉनोमिक लैंडस्केप को बदल सकती है. इस रिपोर्ट- “The $2 Trillion Opportunity: How Gen Z is Shaping the New India” से पता चलता है कि Gen Z की खर्च करने के लिमिट 860 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है और यह 2035 तक 2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. आपको बता दें कि भारत में जेनरेशन जेड की आबादी 37.7 करोड़ से ज्यादा है.
इस रिपोर्ट में जेन ज़ी के शॉपिंग बिहेवियर यानी खरीददारी के प्रति उनके व्यवहार के बारे में बात की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जनरेशन जेड जब शॉपिंग करती है तो किन बातों को ध्यान में रखती है. कौन-सी बातें शॉपिंग करते समय उनके लिए ज्यादा मायने रखती हैं.
इन बातों पर फोकस करते हैं जेन ज़ी
1. ब्रांड्स से ज्यादा ट्रेंड्स पर फोकस
जेन ज़ी ज्यादातर 'नए' की तलाश में रहते हैं. मार्केट में क्या नया आया है, इस पर वह फोकस करते हैं और इस कारण शॉपिंग करते समय उनका ध्यान ट्रेंड पर ज्यादा होता है. उनकी शॉपिंग ब्रांड्स पर नहीं बल्कि ट्रेंड्स पर आधारित होती है. वे ब्रांड से ज्यादा फोकस नए फैशन और ट्रेंड पर करते हैं इसलिए जरूरी है कि ब्रांड्स इनोवेट करती रहें और हमेशा कुछ नया ऑफर करें. रिपोर्ट के मिताबिक जेन ज़ी के लिए ट्रेंड्स ब्रांड से 1.7 गुना ज्यादा जरूरी हैं जबकि मिलेनियल्स के लिए ब्रांड्स ट्रेंड से 1.3 गुना ज्यादा जरूरी होती हैं.
2. विजुअल इमर्शन है जरूरी
साथ ही, यह भी जरूरी है कि आपके प्रॉडक्ट्स पर कोई कितना ध्यान दे रहा है. जेन ज़ी की बात करें तो वे ज्यादातर ऐसे प्रॉडक्ट्स को पसंद कर रहे हैं जो उन्हें विजुअली रिच, और इमर्सिव कंटेंट दे. ऐसे में मार्केटर्स को इमर्शिव विजुअल के जरिए जेन ज़ी के इंटरेस्ट पर काम करना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, 77% जेन ज़ी को इमर्सिव विजुअल्स जैसे लैंस, अवतार्स आदि ज्यादा इंगेजिंग होते हैं.
3. शॉपिंग नहीं बल्कि करते हैं शॉपशियलाइज़िंग
जेन ज़ी अपने दोस्तों और फैमिली से लगातार जुड़े रहते हैं. शॉपिंग करते टाइम भी वे अपने दोस्तों या कजिन्स से लगातार बात करते रहते हैं, कपड़ों, जूतों या दूसरे प्रोडक्ट्स पर उनकी राय लेते हैं. ट्रायल रूम्स से अपनी स्नैप (फोटो) क्लिक करके भेजना या वीडियो कॉल करना बहुत ही कॉमन है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 64% जेन ज़ी शॉपिंग करते समय सोशलाइज करते हैं. जबकि, 52% मिलेनियल्स इस तरह से शॉपिंग करते हैं.
4. क्रिएटर्स से होते हैं इंफ्लूएंस
जेन ज़ी शॉपर्स क्रिएटर्स से काफी इंगेज करते हैं और उनसे मिलने वाले सुझावों और सलाहों को वे ज्यादा ऑथेंटिक मानते हैं. जेन ज़ी के लिए क्रिएटर्स पेज डिस्कवरी और सर्च, दोनों में मदद करते हैं. 72% जेन ज़ी प्रोडक्ट्स खरीदते समय क्रिएटर्स के पेज पर सर्च करते हैं जबकि सिर्फ 49% मिलेनियल्स ऐसा करते हैं.
5. सही मायने में हैं फिजिटल (फिजिकल+डिजिटल)
जेन ज़ी शॉपर्स सिर्फ फिजिटली काम करते हैं. जी हां, वे फिजिकल रहते हुए भी डिजिटल स्पेस में इंगेज्ड रहते हैं. जैसे मॉल्स में शॉपिंग करते हुए भी वे ऑनलाइन विश लिस्ट या क्रिएटर पेज देखते रहते हैं ताकि उन्हें शॉप करने के लिए सुझाव मिल सकें. 54% जेन ज़ी इस तरह से शॉपिंग करते हैं जबकि सिर्फ 32% मिलेनियल्स ऐसा करते हैं