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हौसलों और उम्मीदों की उड़ान : नौकरी के लिए सात बार दिया इंटरव्यू लेकिन हुईं रिजेक्ट, बाद में अपने नाम किया यह रिकॉर्ड

राधिका गुप्ता (Radhika Gupta)ने 36 साल की उम्र में यंग ग्लोबल लीडर्स (Young Global Leaders)की लिस्ट में जगह बनाई. राधिका की कहानी दुनिया भर के लोगों के लिए बेहद प्रेरणास्पद है.

राधिका गुप्ता (Radhika Gupta) - Instagram राधिका गुप्ता (Radhika Gupta) - Instagram
हाइलाइट्स
  • राधिका गुप्ता को सात बार मिली थी हार

  • आज पूरी दुनिया के लिए बनी मिसाल

यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल एक जुनून सा दिल में जगाना होता है... अगर आपके अंदर कुछ कर गुजरने की आग है तो एक दिन आप जरूर अपनी कामयाबी की नई इबारत लिखते हैं.  'द गर्ल विद ब्रोकन नेक' के नाम से मशहूर राधिका गुप्ता की प्रेरणास्पद कहानी पूरी दुनिया के लिए एक नजीर बन गई है. 

हर किसी की दो कहानियां होती हैं. एक जो बिना चाहत के उसे मिल जाए और एक जिसकी चाहत के लिए वह जी जान लगा देते हैं. राधिका की जिंदगी की भी ऐसी ही दो कहानी हैं. बिना मांगे उन्हें जन्म की जटिलताएं मिली और उनकी चाहत ने उन्हें 36 साल की उम्र में यंग ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में जगह दिलाई. 

नौकरी में सात बार मिला रिजेक्शन 

राधिका पाकिस्तान, अमेरिका, नाइजीरिया और इटली जैसी अलग-अलग जगहों पर बड़ी हुई हैं. पढ़ाई करने के बाद जब वह नौकरी की तलाश में थीं तो उन्हें सात बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. इसमें कई बार उन्होंने अपनी गर्दन को दोष दिया लेकिन, सात बार गिरने के बाद जब वह आठवीं बार उठी तो उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 

टूटी गर्दन के साथ लिया था जन्म 

राधिका गुप्ता ने टूटी गर्दन के साथ दुनिया में कदम रखा. जन्म की जटिलता के कारण राधिका की गर्दन जिंदगी भर के लिए झुकी रह गई. अपनी गर्दन के झुकाव के कारण उन्हें कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन जब उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाया तो उन्हें कोई नहीं रोक पाया. 

अलग-अलग जगह रही हैं राधिका गुप्ता 

राधिका का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उन्होंने अपना बचपन अलग-अलग जगह बिताया है. नाइजीरिया में एक इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने से लेकर अमेरिका में फिट होने की कोशिश करने तक, वह कई तरह के भाषाओं और संस्कृतियों वाले लोगों के साथ रहीं. 

कैसा रहा है राधिका का करियर 

राधिका गुप्ता एक इंडियन बिजनेस एग्जीक्यूटिव हैं. वह एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं. उन्होंने एडलवाइस ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट में मल्टी-स्ट्रैटेजी फंड्स के बिजनेस हेड के रूप में शुरुआत की थी, जिसमें उनका काम टीम के इन्वेस्टमेंट, डिलीवरी और प्लेटफॉर्म के लिए ररणनीति बनाना था. 

राधिका ने देश का पहला डोमेस्टिक रेस्क्यू फंड सेट अप किया है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2005 में मैकिन्से एंड कंपनी में बिजनेस एनालिस्ट के रूप में की थी. 2006 में, वह पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में AQR कैपिटल मैनेजमेंट, LLC में ग्लोबल ऐसेट एलोकेशन टीम का हिस्सा थीं.  

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