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Good News: पंजाब के बुजुर्ग किसान की किस्मत चमकी, जीती 2.5 करोड़ रुपये की लॉटरी

अपनी यात्रा के दौरान, शीतल ने कोर्ट रोड पर ग्रीन व्यू पार्क के बाहर स्थित एक स्टॉल से लॉटरी टिकट खरीदने का अचानक निर्णय लिया. इसके ठीक कुछ ही घंटों बाद, उनकी लॉटरी लग गई. 

लॉटरी टिकट लॉटरी टिकट
हाइलाइट्स
  • दवाइयां खरीदने गए थे शीतल 

  • परिवार है काफी खुश

कहते हैं किस्मत जब चमकती है तो बद से बदतर हालात भी बदल जाते हैं. ठीक ऐसा ही हुआ है माहिलपुर के एक बुजुर्ग किसान के साथ. शीतल सिंह नाम के किसान सिर्फ चार घंटे में करोड़पति बन गए. 4 नवंबर को माहिलपुर से दवा लेने आए बुजुर्ग शीतल सिंह की शाम को ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी लगी. इसके बारे में लॉटरी टिकट विक्रेता एसके अग्रवाल ने ड्रा परिणाम घोषित होते ही शीतल से फोन पर संपर्क किया. 

दवाइयां खरीदने गए थे शीतल 

शीतल सिंह दवाइयां खरीदने के लिए होशियारपुर गए थे. वे अक्सर होशियारपुर जाते रहते हैं. अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने कोर्ट रोड पर ग्रीन व्यू पार्क के बाहर स्थित एक स्टॉल से लॉटरी टिकट खरीदने का अचानक निर्णय लिया. आश्चर्यजनक रूप से, कुछ ही घंटों बाद, उनकी लॉटरी लग गई. 

शीतल के दो बेटों और एक बेटी हैं जो सभी विदेश में रहते हैं. अब इन पैसों का क्या करना है इसका निर्णय शीतल सिंह अपने परिवार के साथ बात करके लेंगे. ₹2.5 करोड़ की लॉटरी से शीतल सिंह काफी खुश हैं.  

लॉटरी की सफलता

मीडिया रिपोर्ट्स के मूताबिक, लॉटरी टिकट विक्रेता एसके अग्रवाल, लॉटरी टिकट बेचने की पुरानी परंपरा वाले परिवार से हैं. उन्होंने पिछले दो दशकों से इस विरासत को जारी रखा है. यह तीसरी बार है कि उनके स्टॉल से बेचे गए टिकट को बंपर पुरस्कार मिला है. 2003 में, अग्रवाल के पिता ने एक टिकट बेचा, जिसका इनाम ₹2 करोड़ था, और 2005 में, उनके स्टाल से एक और टिकट का इनाम ₹1 करोड़ था.

परिवार है काफी खुश

शीतल सिंह के पोते (उनकी बेटी का बेटा) सुखप्रीत ने परिवार की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी राशि जीतने का सपना कभी नहीं देखा. इस अप्रत्याशित लॉटरी से शीतल के परिवार में खुशियां आ गईं हैं.