पढ़ा-लिखा युवा जब अपने काम की शुरुआत करता है तो अपने सपनों को एक ऊंची उड़ान देना चाहता है. पर कुछ युवा ऐसे भी हैं जो अपने साथ अपने समाज और अपने आस-पास के लोगों को लेकर चलना चाहते हैं. राहुल और विशाल भी ऐसे ही युवा हैं.
गोरखपुर शहर में इन दोनों भाइयों ने स्ट्रीट वेंडर्स (Street Vendors) के सपनों को ‘Digital Udaan’ देने का फ़ैसला किया है. इस डिजिटल उड़ान अभियान के जरिए राहुल और विशाल शहर के ठेले और खोमचे वालों के व्यवसाय को ऑनलाइन कर रहे हैं. इन लोगों के व्यवसाय को ऑनलाइन करके राहुल और विशाल उनके व्यवसाय को गति देना चाहते हैं.
बना रहे हैं वेबसाइट से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट तक
अपने ऑफ़िस में बैठकर दोनों भाई, राहुल और विशाल एक ख़ास प्लान की तैयारी कर रहे हैं. जिसमें शहर के कुछ ठेले और छोटे व्यवसायियों के सोशल मीडिया अकाउंट तैयार करना और इनमें से कुछ को व्यवस्थित कर, उनकी वेबसाइट बनाना शामिल है.
इसके बाद ये दोनों छोटे विक्रेताओं को समझाने के लिए उनके पास पहुंच जाते हैं. त्योहार के सीजन में अपने छोटे से बिजनेस का ऑनलाइन होना, बहुत से लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है.
परिवार से मिला मदद करने का जज़्बा
विशाल और राहुल ने कम्प्यूटर और डिज़ाइनिंग की पढ़ाई की है. जिससे उन्हें वेब डिजाइनिंग स्किल्स सीखने का मौका मिला. वहीं, दूसरों कीर मदद करने का जज़्बा उन्हें अपने परिवार से मिला है. विशाल मिश्रा बताते हैं कि पापा कहते थे कि जो भी पाओ उसे अपने शहर को लौटना भी ज़रूरी है.
गोरखपुर के इन दोनों भाइयों ने लोगों की मदद के लिए कोई स्वयंसेवी संस्था नहीं खोली है. बल्कि ये दोनों उद्यमी है. ऑनलाइन सॉल्युशन्स और सॉफ्टवेयर का अपना बिज़नेस चलाते हैं. बिजनेस में उनके कई क्लाइंट हैं जिनसे काम के वह पैसे लेते हैं. इनके पास अपना स्टाफ है.
इस तरह शुरू किया अपना अभियान
राहुल और विशाल ने बताया कि ‘डिजिटल उड़ान अभियान’ ने निराशा से जन्म लिया. हुआ कुछ यूं कि राहुल में कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की तो विशाल ने डिज़ाइनिंग की पढ़ाई की. उसके बाद दोनों भाइयों ने अपने शहर में अपना उद्यम शुरू करने के बारे में सोचा. शहर के व्यवसायियों को उनके व्यापार और उद्यम को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सॉल्युशन देने के लिए स्टार्टअप शुरू किया.
राहुल कहते हैं कि लोगों को लगता था कि प्रचार के लिए ऑनलाइन तरीक़ा अपनाना पैसे की बर्बादी है. दोनों भाई रोज़ किसी को अपना प्लान और डिजिटल प्रमोशन की बात समझाने जाते पर लोग उनको मना कर देते. ऐसे ही, एक दिन जब दोनों निराश होकर किसी व्यवसायी के यहां से निकले तो सामने खड़े चाट के ठेले पर नज़र पड़ी.
बस वहीं से दोनों के मन में आया कि क्यों न ठेले वाले का ही वेबसाइट डिज़ाइन कर दें. उन्होंने उस ठेलेवाले का वेबसाइट बना दिया. उसके कुछ दिन बाद चाट वाले का फ़ोन आया कि इसी की बदौलत उसको शादी की पार्टी का ऑर्डर मिला है. बस फिर क्या था उनका आइडिया चल निकला.
मुफ्त में कर रहे जरूरतमंदों की मदद
ये दोनों भाई छोटे व्यवसायियों की मदद बिना किसी फीस के कर रहे हैं. शहर के क़रीब 15 ठेले वालों के वेबसाइट और 1500 से ज़्यादा ठेले वालों, छोटे व्यवसायियों और घर से काम करने वाली महिलाओं के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल उन्होंने बनाए हैं. उनका कहना है कि आज जब पूरी दुनिया ऑनलाइन हो रही है तो इन लोगों को भी उसका लाभ मिलना चाहिए.
दोनों भाइयों ने इन लोगों को यह भी बताया कि कैसे उन्हें अपना वीडियो अपलोड करना है या कैसे अपना प्रमोशन डिजिटल माध्यम से करना है. राहुल और विशाल इन उद्यमियों की काउंसलिंग भी करते हैं.
लोगों को भा रहा है यह तरीका
शहर के लोगों को भी यह तरीक़ा पसंद आ रहा है. अजय चाट वाले (http://www.ajaychaatpoint.co.in/) के कुछ ग्राहकों ने बताया कि हर दिन का मेन्यू इससे पता चल जाता है. और यह ज़्यादा सुविधाजनक है.
देश में हर रोज डिजिटल क्रांति की बात हो रही है. डिजिटल मार्केटिंग के कोर्स लोग कर रहे हैं. अपने व्यवसाय को डिजिटल करके बड़े व्यवसायी जहां करोड़ों-अरबों का व्यवसाय करते हैं तो वहीं छोटे विक्रेता भी इससे लाभ उठा सकते हैं. बस ज़रूरत है तो सिर्फ जागरूकता की.