कोरोना महामारी के बाद देशभर के दफ्तरों में बढ़ते हाइब्रिड कल्चर को देखते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone-SEZ) के नियमों में एक नया नियम-43A (घर से काम-WFH)-जोड़ा है. इस नए नियम के तहत कंपनी के 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम यानि Work From Home कर सकते हैं. अनुमति लेने के बाद ये संख्या 50 फीसदी से ज्यादा भी हो सकती है.
ऐसे समय में जब कई कंपनियों के कर्मचारी फ्लेक्सिबल वर्किंग कल्चर की मांग उठा रहे हैं तब सरकार का यह कदम कंपनियों और कर्मचारियों, दोनों को फायदा पहुंचाने वाला है.
इस नए नियम में क्या (Work From Home Rule)
केंद्र ने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में काम करने वाली कंपनियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (WFH) केवल 50% कर्मचारियों तक बढ़ाया जा सकता है, जिसमें संविदा कर्मचारी भी शामिल हैं. साथ ही वर्क फ्रॉम होम अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता. हालांकि केंद्र ने अपने नोटिफिकेशन में ये भी साफ किया कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास आयुक्त, कर्मचारियों की इस संख्या को 50 फीसदी से ज्यादा भी कर सकते हैं. विशेष आर्थिक क्षेत्र की वो कंपनियां जिनके कर्मचारी पहले से ही घर से काम कर रहे हैं उन्हें 90 दिनों में वर्क फ्रॉम होम की मंजूरी लेनी होगी. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में काम करने वाली कंपनियां घर से काम करने वाले कर्मचारियों को उपकरण और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होंगी.
नए वर्क फ्रॉम होम नियम से किन कर्मचारियों को फायदा-
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की आईटी (IT) और आईटीईएस (ITES) कंपनी के कर्मचारी
जो अस्थायी रूप से अक्षम हैं
जो यात्रा कर रहे हैं
जो ऑफसाइट यानि दफ्तर के बाहर से काम कर रहे हैं
विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone-SEZ)
वर्क फ्रॉम होम नियम विशेष आर्थिक क्षेत्रों पर लागू होते हैं. इस समय भारत में आठ विशेष आर्थिक क्षेत्र हैं, जिनमें सांताक्रूज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), कांडला और सूरत (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), फाल्टा (पश्चिम बंगाल) और नोएडा ( उतार प्रदेश) शामिल है. देश के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में ज्यादातर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) या आईटीईएस फर्म हैं.