उत्तर प्रदेश में बुधवार (16 नवंबर) से राज्य के 18 मंडलों के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में एक विशेष रोजगार मेला शुरू किया जाएगा. सरकार ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी. उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं रोजगार विभाग द्वारा 16 नवंबर 2022 को लखनऊ में अल्पसंख्यक युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेले का आयोजन किया जायेगा.
आएंगी 50 से अधिक कंपनियां
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, 'योगी सरकार हमेशा युवाओं की प्रगति के लिए ईमानदारी से काम करती रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के 18 डिवीजन के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यक युवाओं के लिए विशेष रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे. यह मेला 16 नवंबर को लखनऊ के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र खदरा के शिया डिग्री पीजी कॉलेज में शुरू होगा. बीजेपी मंत्री ने बताया कि अल्पसंख्यक रोजगार मेले में 50 से अधिक कंपनियां करीब 5000 नौकरियां ला रही हैं. इंटरव्यू के बाद उसी दिन नियुक्ति पत्र भी दे दिया जाएगा.
उसी दिन मिल जाएगा नियुक्ति पत्र
अंसारी ने कहा, ''इस अल्पसंख्यक रोजगार मेले में 50 से अधिक कंपनियां लगभग 5000 नौकरियां ला रही हैं, जिनका नियुक्ति पत्र भी साक्षात्कार के बाद उसी दिन दिया जाएगा. इसी सोच के साथ सरकार योगी सरकार के युवाओं के साथ काम कर रही है. सरकार के काम का असर आज समाज में दिख रहा है, जिस तरह से योगी सरकार ने युवाओं को अच्छी शिक्षा और अच्छा रोजगार देने का वादा किया था. सरकार का वादा पूरी तरह सच हो गया.
मंत्री ने यह भी बताया कि जो लोग अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कई स्टार्टअप और विभिन्न बैंकों के काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे.
स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर
मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय तक अपने प्रयासों को बढ़ाया है. हाल ही में दो लोकसभा सीटों रामपुर और आजमगढ़ के उपचुनाव में बीजेपी की जीत से सत्ताधारी दल का आत्मविश्वास बढ़ा है. समाजवादी पार्टी बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी वाली दोनों सीटें हार गई थी.
मुस्लिमों का दिल जीतना चाहती है पार्टी
हाल ही में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए पार्टी द्वारा नए प्रयास में पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों तक पहुंचने के महत्व पर जोर दिया था. पार्टी की पहुंच से संकेत मिलता है कि वह मुस्लिमों का दिल जीतना चाहती है, जिन्हें परंपरागत रूप से राज्य की सत्ता में अपने प्रतिद्वंद्वी दलों के वोट बैंक के रूप में माना जाता रहा है. दानिश आज़ाद अंसारी, एक पसमांदा को 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों की सफलता के बाद आदित्यनाथ सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. चौधरी कफील-उल-वारा, एक बुनकर, को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.