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Small Saving Schemes: छोटी बचत योजनाओं के खाताधारकों के लिए गुड न्यूज, जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए ब्याज दरें 0.3 प्रतिशत तक बढ़ी

Small Saving Schemes: पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के साथ-साथ मौजूदा तिमाही (अप्रैल-जून) में भी ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं. छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं.

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हाइलाइट्स
  • छोटी बचत योजनाओं के खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है

  • ब्याज दरें 0.3 प्रतिशत तक बढ़ी

छोटी बचत योजनाओं के खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए चुनिंदा बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 0.3 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं. पांच साल की आरडी के लिए सबसे ज्यादा 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान, आरडी धारकों को मौजूदा 6.2 प्रतिशत के मुकाबले 6.5 प्रतिशत ब्याज दर मिलेगा. डाकघरों में एक साल की सावधि जमा पर अब 6.9 प्रतिशत और दो साल की अवधि के लिए 7 प्रतिशत (6.9 प्रतिशत से अधिक) मिलेगा.

हालांकि, तीन साल और पांच साल के लिए मियादी जमा पर ब्याज दरें 7 फीसदी और 7.5 फीसदी पर बरकरार रखी गई हैं. पीपीएफ और बचत जमा पर ब्याज दरें क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं.

क्या हुआ है बदलाव?

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर भी ब्याज दर 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2023 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत ही रहेंगी. इसके अलावा, बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि के लिए नई दर भी मौजूदा 8 प्रतिशत के स्तर पर है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और किसान विकास पत्र (KVP) पर ब्याज दर क्रमशः 8.2 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत है.

बताते चलें, पिछली (जनवरी-मार्च) तिमाही के साथ-साथ अप्रैल-जून तिमाही में भी ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं. छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं. हालांकि, मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है और इससे निवेशकों को 7.4 फीसदी की कमाई होगी.

मई के बाद से रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी है, जिससे बैंकों को जमा पर ब्याज दरें भी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया है. आरबीआई ने पिछली लगातार दो मौद्रिक नीति समिति की बैठकों में नीतिगत दर पर यथास्थिति बरकरार रखी है.