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18 जुलाई से आम लोगों की जेबों पर पड़ेगा असर, जानें नया GST लगने से क्या हो रहा है महंगा और सस्ता     

GST Rate Hike: 18 जुलाई से कुछ चीज़ें महंगी होने वाली हैं. वहीं कुछ सस्ती होंगी. जून में 47वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी. इस बैठक में सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर गुड एंड सर्विस टैक्स को संशोधित करने का फैसला किया था.

GST RATE HIKE GST RATE HIKE
हाइलाइट्स
  • 18 जुलाई से महंगी होंगी चीजें

  • पिछले महीने 47वीं जीएसटी कौंसिल की बैठक हुई थी

आपको चीजें खरीदने के लिए अब पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. सोमवार यानी 18 जुलाई से आपको कुछ वस्तुओं को खरीदने के लिए अपनी जेब से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे, क्योंकि उन पर लगा जीएसटी बढ़ने वाला है. दरअसल, पिछले महीने 47वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर गुड एंड सर्विस टैक्स को संशोधित करने का निर्णय लिया था. इसके चलते 18 जुलाई से कुछ दिन-प्रतिदिन इस्तेमाल में आने वाले सामना की कीमतों में बढ़ोतरी होने जा रही है. हालांकि, कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जिनकी कीमतों कमी आने वाली है. 

चलिए जानते हैं क्या महंगा होगा और क्या सस्ता … 

क्या महंगा होगा?

-लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक, जिसमें प्री-पैक, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क शामिल हैं, पर 18 जुलाई से 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. ये आइटम पहले जीएसटी के दायरे से बाहर थे. 

-चेक जारी करने (लूज या बुक फॉर्म) के लिए बैंकों द्वारा ली गई फीस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा. 

-अस्पताल के कमरे का किराया (आईसीयू को छोड़कर) अगर प्रति मरीज 5000 रुपये प्रति दिन से अधिक है तो कमरे के लिए 5 प्रतिशत एक्स्ट्रा जीएसटी लगाया जाएगा. 

-18 जुलाई से मानचित्र और चार्ट सहित एटलस पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.

-होटल के कमरे जो दिन के 1000 रुपये से ज्यादा चार्ज कर रहे हैं उन्हें 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत  लाने का फैसला किया गया है .

-एलईडी लाइट्स, फिक्स्चर, एलईडी लैंप की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को 12 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने की सिफारिश की है.

- काटने वाले और ब्लेड वाले चाकू, कागज के चाकू, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे, करछुल, स्किमर्स, केक-सर्वर आदि को 12 प्रतिशत स्लैब से ऊपर 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत रखा गया है.

क्या होगा सस्ता?

-निजी संस्थाओं/वेंडर द्वारा इम्पोर्ट किये गए डिफेन्स आइटम्स पर डिफेंस फोर्सेज को जीएसटी से छूट दी गई है.

-रोपवे के माध्यम से माल और यात्रियों के परिवहन को सस्ता करने के लिए जीएसटी परिषद ने जीएसटी की दरों को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है.

-स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर एप्लाएंस सहित वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है. इसके अलावा शरीर के आर्टिफिशियल पार्ट, अन्य उपकरण जो किसी डिफेक्ट या डिसएबिलिटी में पहने या ले जाए जाते हैं उनपर छूट होगी.