मुंबई देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है, ऐसे में देश को आगे बढ़ाने में मुंबई से भी बड़ा योगदान जाता है. वहीं मुंबई में लोग देश के अलग-अलग जगहों से आते हैं और अपने सपने पूरे करते हैं. मुंबई हर वर्ग और उम्र के लोगों के अपने सपने पूरे करने का अवसर देती है. हालांकि कुछ लोगों को अपने सपने पूरे करने में समय जरूर लगता है, मगर उनका सपना जरूर पूरा होता है. ऐसे ही एक सपना मुंबई में रहने वाली 77 साल की उर्मिला जामनदास का भी पूरा हुआ है. मुंबई की उर्मिला जमनादास ने 77 साल की उम्र में खुद को और अपने पोते को त्रासदी, दर्द और संघर्ष से भरे जीवन से आगे बढ़ने में मदद करने के लिए 'गुज्जू बेन ना नास्ता' की शुरुआत थी.
लॉकडाउन में शुरू किया बिजनेस
उर्मिला जमनादास और उनके पोते ने लॉकडाउन के दौरान घर पर बने हुए गुजराती खाने का बिजनेस शुरू किया था. 77 वर्षीय उर्मिला ने अपने पोते को गुजराती स्नैक बिजनेस शुरू करने में मदद की और उनको जीवन में आगे भी बढ़ाया. मगर 77 साल की उर्मिला की ज़िंदगी इतनी आसान नहीं रही है. उर्मिला ने अपने परिवार के कई लोगों को खो दिया. उन्होंने अपनी बेटी को ढाई साल की उम्र में खो दिया था. उसके बाद में दो बेटों को क्रमशः हृदय रोग और ब्रेन ट्यूमर के कारण खो दिया. मगर उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं, साल 2019 में, उनके पोते हर्ष दुर्घटना के शिकार हो गए, उस समय हर्ष का निचला होंठ कट गया.
लोगों को खाना बनाना सिखाती हैं उर्मिला जमनादास
घटना और सर्जरी के बाद, हर्ष ने इस घटना के बाद घर से निकलना बंद कर दिया और घर पर रहने लगे. घर चलाना मुश्किल हो गया. और फिर परिवार की स्थिति को ठीक करने के लिए साल 2020 में, दादी और पोते ने मिलकर गुज्जू बेन ना नास्ता शुरू किया, जो घर का बना गुजराती व्यंजन का बिजनेस था. यह बिजनेस मुंबई के चरनी रोड में लोकप्रिय हुआ. वहीं उर्मिला टैडक्स स्पीकर भी हैं और लोगों को मोटीवेट करती हैं. उर्मिला अब अपना एक यूट्यूब चैनल भी चलाती हैं, जहाँ पर वो लोगों को ख़ाना बनाना सिखाती हैं.